संगरूर। खनौरी बॉर्डर पर पक्के किसान मोर्चे के नेता लखविंदर सिंह औलख ने एक वीडियो जारी करके पंजाब सरकार की कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि एमएसपी गारंटी कानून सहित दर्जन भर अन्य मांगों को लेकर पिछले तेरह महीने से चल रहे मोर्चे को सरकार ने उस समय तहस-नहस किया, जब मोर्चा जीत की चरम पर पहुंच गया था।
उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ सातवें चरण की बैठक बढ़िया माहौल में संपन्न हुई। केंद्र ने आठवीं बैठक का भी समय दे दिया व मांगों पर विचार-विमर्श का दौर जारी था। लेकिन ऐन मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने किसान मोर्चों को हटाकर किसानों के साथ सरासर धोखा किया है। इसे किसान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस हरकत से किसान वर्ग को बहुत दुख पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि किसानी कॉर्पोरेट घरानों के हवाले करने के लिए पंजाब सरकार ने यह एक्शन किया है। उन्होंने ऐलान किया कि हिरासत में लिए गए किसानों द्वारा पंजाब भर के डीसी दफ्तरों के समक्ष धरने लगाए जाएंगे। पुतले जलाए जाएंगे। साथ ही किसान भूख हड़ताल करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह संघर्ष जारी रहेगा। जल्द ही संघर्ष की नई रणनीति की घोषणा की जाएगी। कुमार खजूरिया, जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल की सचिव नुजहत गुल, योजना विभाग के संयुक्त निदेशक आशिक बट्ट, योजना विभाग के उप निदेशक रवि कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।खनौरी बार्डर पर रास्ता खाली करने की बुधवार रात्रि से आरंभ हुआ अभियान वीरवार सुबह फिर आगे बढ़ाया जा रहा है। देर रात तक किसान मोर्चे से किसानों को बाहर निकाला गया है। खनौरी के नजदीकी पैलेस में किसानों को रखा गया है। जो घर जाना चाहते हैं, उन्हें ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की मदद से भेजा जा रहा है। सभी की डिटेल पुलिस द्वारा नोट करके रखी जा रही है।
एसएसपी संगरूर सरताज सिंह चाहल का कहना है कि सभी किसानों को मान-सम्मान के साथ हाथ जोड़कर खनौरी मोर्चा स्थल से सुरक्षित बाहर निकाला गया है, किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में अमन-शांति की स्थिति को भंग नहीं करने दिया जाएगा। किसानों ने पूरा सहयोग किया है। रास्ते को पूरी तरह से खाली करने के आदेशों की गंभीरता से पालन किया जा रहा है। आज दिन भर यहां से ट्रैक्टर-ट्रॉली, वाहन, अन्य साजो-सामान हटाने की अभियान जारी रहेगा।
इसके लिए पर्याप्त मशीनरी व मैनपावर की जरूरत है, जिसका प्रबंध करके एक-दो दिन में रास्ते को चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों के वाहन व अन्य सामान सुरक्षित जगह पर रखवाया जाएगा, जहां से किसान अपने वाहन, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां इत्यादि प्राप्त भी कर सकेंगे।