मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरक्षपीठाधीश्वर के तौर पर बुधवार को पावन पर्व महाशिवरात्रि का अनुष्ठान सम्पन्न किया। उन्होंने रुद्राभिषेक कर देवाधिदेव महादेव से लोकमंगल और राष्ट्रकल्याण की प्रार्थना की। रुद्राभिषेक गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर आवास में स्थित शक्ति मंदिर में हुआ। रुद्राभिषेक के उपरांत मुख्यमंत्री ने हवन कर गोरक्षपीठ में शिवोपासना का अनुष्ठान संपन्न किया।
महाशिवरात्रि पर विशेष उपासना के क्रम में बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री ने मंदिर स्थित शक्तिपीठ में भगवान भोले शंकर का गोदुग्ध से रुद्राभिषेक किया। मठ के पुरोहित एवं वेदपाठी ब्राह्मणों ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया।
रुद्राभिषेक के बाद सीएम योगी ने हवन तथा आरती कर चराचर जगत के कल्याण के लिए आदियोगी महादेव से प्रार्थना की। अनुष्ठान का यह कार्य दो घंटे से अधिक समय तक चला। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित शिव मंदिर में भी पूजन किया।
उन्होंने यहां भगवान नंदी का पूजन कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। नाथपंथ की परंपरा में गुरु गोरखनाथ भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। ऐसे में गोरक्षपीठाधीश्वर के लिए महाशिवरात्रि का पर्व बेहद महत्वपूर्ण होता है।
इस अवसर पर विशेष पूजन होता है। यही कारण रहा कि व्यस्तता के बीच भी मुख्यमंत्री महाशिवरात्रि पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और पीठ की आनुष्ठानिक परंपरा का पूरी आस्था व निष्ठा के साथ निर्वहन किया।
महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ में पावन स्नान में व्यवस्था पर निगरानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार की सुबह से सक्रिय रहे। गोरखनाथ मंदिर में प्रवास के दौरान सुबह चार बजे ही मंदिर में बनाए गए कंट्रोल रूम में डट गए और पल-पल की खबर लेने लगे।
स्नान की व्यवस्था को टीवी स्क्रीन पर लाइव देखते रहे। समय-समय पर पुलिस व प्रशासन के अफसरों को जरूरी निर्देश देते रहे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अधिकारियों को सहेजते रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई भी असुविधा न हो और व्यवस्था को लेकर किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।व्यवस्था को लाइव देखते हुए योगी बार-बार यह कहते रहे कि श्रद्धालुओं के लिए सभी घाटों की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहे। किसी तरह की चूक होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी समय-समय पर मुख्यमंत्री देते रहे।
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान देन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। जब वह व्यवस्था को लेकर निश्चिंत हो गए तब कंट्रोल रूम छोड़ा। यद्यपि, दूरभाष के जरिये वह मेरा प्रशासन के संपर्क में निरंतर बने रहे।