मोहाली में पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़, आरोपी के पैर में लगी गोली; पांच दिन में दूसरा एनकाउंटर

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 मोहाली। पिछले पांच दिनों में मोहाली पुलिस और बदमाशों के बीच में दो मुठभेड़ हो चुकी है। इसमें ताजा मुठभेड़ न्यू चंडीगढ़ के ईको सिटी- एक के मकान नंबर- 5077 में गांव पडौल निवासी बदमाश नवजोत सिंह और सीआईए खरड़ के बीच में हुई है। जिसमें नवजोत सिंह के पैर पर गोली लगी है।
गोली लगने के बाद उसे घायल अवस्था में मोहाली के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां पर उसका इलाज चल रहा है। अभी उसकी हालत स्थिर है।
जानकारी के अनुसार बदमाश नवजोत सिंह अपने इको सिटी स्थित मकान पर मौजूद था। तभी पुलिस को इसके यहां होने की सूचना मिली थी।
सूचना के बाद पुलिस ने इसे चारों तरफ से घेर लिया। जब इसे खुद को सरेंडर करने के लिए कहा तो इसने पुलिस की टीम पर गोली चला दी। जिसमें पुलिसकर्मी बाल-बाल बचा है। 

बदमाश ने पुलिस पर दो गोलियां चलाई है। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बदमाश के पैर पर गोली चलाई थी। गोली लगने से वह घायल हो गया। जिसे पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर अस्पताल में दाखिल करवा दिया है।

घटना के बाद मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए थे। खुद एसएसपी मोहाली दीपक पारिक मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस आरोपी पर पहले भी अवैध हथियार रखने के कारण दो मुकदमे दर्ज हैं। यह कुछ दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। 

पुलिस को सूचना मिली थी कि इसने अभी भी अपने पास अवैध हथियार रखा हुआ है। पुलिस ने घटनास्थल पर आरोपी की तरफ से चलाई गई गोलियों के दो खाली खोल और एक देसी स्टेन गन बरामद की है। इसके अलावा पुलिस को मौके से दो मैगजीन और आरोपी की स्कॉर्पियो कार भी बरामद हुई है।
आरोपी नशे का आदी है। यह अपनी छोटी उम्र में ही नशा करने लग गया था। नशा करते-करते ही यह लकी पटियाल के संपर्क में आया था। लकी पटियाल भी धनास का रहने वाला है। इसका और लकी पटियाल का गांव आसपास ही है। उससे संपर्क में आने के बाद यह हथियारों की तस्करी भी करने लग गया था। 

साल 2016 में देवेंदर बंबीहा के एनकाउंटर के बाद लकी पटियाला ने बंबीहा गैंग की कमान संभाली थी और वह आर्मेनिया में रहकर अपना गिरोह चल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसके गुर्गों को नवजोत सिंह हथियारों की सप्लाई करता था। पुलिस अभी इस मामले में इससे पूछताछ कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि नवजोत सिंह के पिता दो भाई हैं। नवजोत के दादा ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटों को देने के बजाय सीधे ही अपने पोतों के नाम करवा दी थी। 

इस कारण यह बचपन में ही जमीन का मालिक बन गया था। जब न्यू चंडीगढ़ को बसाने की प्लानिंग हुई तो इसकी जमीन भी उस प्रोजेक्ट के अंदर आ गई थी। जिसको गमाडा ने एक्वायर कर लिया था। 

एक्वायर की गई जमीन के पैसे सीधे इसके खाते में आए थे, जो कि करीब 10 करोड़ रुपए थे। इन्हीं पैसों के दम पर यह नशा करने लग गया था। जिस मकान में यह मुठभेड़ हुई है, वह प्लांट भी इस लैंड पूलिंग स्कीम के तहत ही मिला है।

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