‘पुलिस कार्रवाई के वीडियो इंटरनेट पर अपलोड नहीं हों’, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने DGP को दिया निर्देश

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया है कि वे पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैप्चर किए गए किसी भी वीडियो या तस्वीरों को अपलोड करने के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करें।
जस्टिस कुलदीप तिवारी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश आवश्यक हैं कि ऐसी सामग्री अपलोड करने से जांच एजेंसी, पीड़ित या आरोपी के प्रति पूर्वाग्रह पैदा न हो। ऐसे निर्देश इस आदेश के पारित होने के तीन महीने के भीतर जारी किए जाएं ।
जस्टिस कुलदीप तिवारी ने यह आदेश वकील प्रकाश सिंह मारवाह की याचिका पर पारित किया, जिन पर पिछले साल चंडीगढ़ पुलिस ने इसलिए मामला दर्ज किया था क्योंकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाने पर उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट होने का दावा किया था।
इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। बाद में मारवाह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि यह उनके सम्मान के साथ जीने के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो अपलोड करना सूचना प्रौद्योगिकी नियम का उल्लंघन है और इसलिए उन्होंने इसे इंटरनेट मीडिया साइट्स से हटाने की मांग की।
वीडियो बनाने वाले कांस्टेबल का मोबाइल फोन किया जाए जब्त
जवाब में चंडीगढ़ पुलिस ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर वीडियो किसने अपलोड किया, इसका पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि इंटरनेट मीडिया साइट्स को वीडियो हटाने के निर्देश दिए गए हैं।