हाइजैक हुए जिस प्लेन की डीलिंग टीम में शामिल थे एस जयशंकर, उसी फ्लाइट में सवार थे उनके पिता, सुनाया वो किस्सा
कंधार हाइजैक पर बनी नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज IC 814-द कंधार हाइजैक (IC-814) काफी चर्चा में है. यह वेब सीरीज 1999 में हुए प्लेन हाइजैक पर बेस्ड है. मौजूदा विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jai Shankar) ने इस वेब सीरीज को लेकर पूछे गए एक सवाल में 1884 का एक वाकया शेयर किया है, जब एक प्लेन को हाइजैक कर लिया गया था. इस प्लेन में जयशंकर के पिता सवार थे. जबकि एक युवा अधिकारी के तौर पर खुद जयशंकर हाईजैकर्स से डील करने वाली टीम में शामिल थे.
स्विटजरलैंड के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को जिनेवा में भारतीय समुदाय के लोगों से बात की. इस दौरान उनसे नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज IC 814 के बारे में पूछा गया. जयशंकर ने कहा, “मैंने ये वेब सीरीज नहीं देखी. हालांकि, मैंने एक हाइजैक को बहुत करीब से देखा. ये हाइजैक 1984 में हुआ था.”
40 साल पुराना वाकया शेयर करते हुए एस जयशंकर कहते हैं, “प्लेन के हाईजैकर्स से बातचीत करने वाली टीम में मैं खुद शामिल था. अच्छी बात ये रही थी कि किसी की जान इसमें नहीं गई थी. मामला निपट गया था. लेकिन इस पूरे मामले में सबसे खास बात ये थी कि मेरे पिता भी उस प्लेन में सवार थे, जिसे हाइजैक किया गया था.”
जयशंकर ने कहा, “प्लेन के हाइजैक के करीब 3-4 घंटे के बाद मैंने अपनी मां को फोन किया. मैंने उन्हें बताया कि प्लेन हाइजैक हुआ है और मैं नहीं आ सकता. तब मुझे पता चला कि मेरे पिता उसी फ्लाइट में थे. यह एक लंबी कहानी है. गनीमत रही कि इसमें किसी की जान नहीं गई. यह मेरे लिए बड़ी अजीब स्थिति थी. एक तरफ मैं उस टीम का हिस्सा था, जो हाइजैकर्स से डील कर रही थी. दूसरी तरफ मैं उन परिवारों के सदस्यों में शामिल था, जो सरकार से मदद मांग रही थी.”
कब और कैसे हाइजैक हुआ था प्लेन?
दरअसल, मामला 5 जुलाई 1984 का है. इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 421 को हाइजैक कर लिया था. यह एक डोमेस्टिक फ्लाइट थी, जो दिल्ली-पालम से श्रीनगर के लिए रवाना हुई थी. इसे प्रतिबंधित ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के 7 सदस्यों ने हाइजैक किया था. प्लेन को पठानकोट से हाईजैक कर दुबई ले जाया गया था. इस प्लेन में 68 यात्री और क्रू टीम के 6 मेंबर सवार थे. 36 घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत चली. फिर 12 खालिस्तानी समर्थक हाइजैकर्स ने अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया. हाइजैकिंग में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ.