Punjab News: आय से अधिक संपत्ति मामले में बठिंडा नगर निगम का इंजीनियर सस्पेंड, जांच बैठी तो हो गया फरार

सस्पेंड करने आदेश वीरवार को स्थानीय निकाय विभाग एडिशनल चीफ सेक्रेटरी तेजवीर सिंह ने एक पत्र जारी कर दिए है। विभाग की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार लिखा गया निगम एक्सईएन गुरप्रीत सिंह के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा की तरफ एफआईआर नंबर 7- 25 फरवरी 2025 में लगे गंभीर आरोपों के कारण इस अधिकारी को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है और सस्पेंड के दौरान इस अधिकारी का हेडक्वार्टर अब मुख्य दफ्तर स्थानीय सरकार विभाग चंडीगढ़ होगा।
गौरतलब है कि बीती 25 फरवरी को विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा ने नगर निगम के एक्सईएन गुरप्रीत सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाने के मामले में केस दर्ज किया था। यह कार्रवाई गुरप्रीत सिंह के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही शिकायत की जांच पड़ताल करने के बाद की गई, जिसमें जांच के दौरान उसके पास आय के स्रोतों से 1.83 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति पाई गई थी।
बताते चले कि डेढ़ माह से अधिक समय होने के बावजूद विजिलेंस टीम आज तक आरोपित एक्सईएन को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, जबकि विजिलेंस टीम दावा कर रही है कि एक्सईएन को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इससे पहले एक्सईएन गुरप्रीत सिंह ने बठिंडा एडिशनल सेशन जज की अदालत से अपनी जमानत याचिका रद्द होने के बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट की तरफ से याचिका पर सुनवाई के लिए 21 मार्च तय की थी, लेकिन उस दिन भी सुनवाई नहीं हो पाई, जिसके चलते 24 मार्च तारीख तय की थी, लेकिन विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से हाईकोर्ट में एक्सईएन गुरप्रीत सिंह के खिलाफ कोई भी रिकॉर्ड पेश ना किए जाने के चलते 4 अप्रैल की तारीख तय की गई थी।
4 अप्रैल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दायर जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है। हाईकोर्ट में विजिलेंस विभाग ने कहा था कि गुरप्रीत सिंह के खिलाफ एक शिकायत के आधार पर केस दर्ज करने के बाद उसके पास चल व अचल संपत्ति का एक अनुमानित खुलासा हुआ है, जबकि असल संपत्ति की जांच व इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए उसकी गिरफ्तारी कर रिमांड लेकर जांच व पूछताछ करना लाजमी है।
इस दौरान बैंक अकाउंट के साथ उनके व परिजनों के नाम चल व अचल संपत्ति के बारे में भी जानकारी जुटाना जरूरी है। इसके बाद हाईकोर्ट के जज ने मामले में दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद अब गुरप्रीत सिंह को सीधे तौर पर विजिलेंस विभाग से सहयोग करने व जांच में शामिल होने का विकल्प ही बचा है।