‘पंजाब में 50 बम…’, बयान पर फंसे प्रताप सिंह बाजवा; कई धाराओं में केस दर्ज

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जालंधर में भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर पर ग्रेनेड हमले के बाद बने माहौल के बीच नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) पंजाब में 50 बम आने का बयान देकर फंस गए। उनके खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज की गई। बाजवा ने दावा किया कि पंजाब में 50 बम आए हैं।
इस पर राज्य सरकार ने जवाब मांगा कि बाजवा बताएं कि उन्हें कैसे पता चला कि पंजाब में इतने बम आ चुके हैं? मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीडियो जारी कर चेतावनी दी कि यदि बाजवा (Partap Singh Bajwa News) ने बम पंजाब आने की जानकारी का सोर्स (स्रोत) नहीं बताया तो कार्रवाई होगी। काउंटर इंटेलीजेंस की एआइजी रवजोत कौर ग्रेवाल ने बाजवा के घर जाकर पूछताछ की।
बाजवा (Partap Singh Bajwa Statement) ने सोर्स नहीं बताया तो एफआईआर दर्ज की गई। बाजवा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 197 (1) (डी) व 353 (2) में मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
बीएनएस की धारा 197 (1) (डी) भारत की सुरक्षा, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाली झूठी व भ्रामक सूचना का प्रचार करने के आरोप को लेकर है। 353 (2) विभिन्न समुदायों में द्वेष फैलाने के इरादे से फैलाई गई गलत सूचना को लेकर है।काउंटर इंटेलीजेंस की पूछताछ के बाद बाजवा ने कहा-मैं संवैधानिक पद पर हूं। चार मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुका हूं। पंजाब में मंत्री रहा। सांसद और राज्यसभा सदस्य भी। मेरा सोर्स कहीं का भी हो सकता है। एक उच्चाधिकारी ने बताया कि मैं भी निशाने पर हो सकता हूं। 1987 में मेरे पिता मारे गए थे।

1990 में बटाला में मुझ पर बम अटैक हुआ। भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर बम अटैक हुआ है। मुख्यमंत्री केस करना चाहते हैं तो स्वागत है, पर मैं सोर्स नहीं बताऊंगा। पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर अटैक हुआ, उन्हें तो पता ही नहीं चला। मैं बयान पर कायम हूं। सीएम पंजाब को गंभीरता से लें, मैं सहयोग दूंगा। पुलिस से असहयोग जैसी बात नहीं, अफसर की भी मजबूरी होती है।

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा पर एफआईआर दर्ज होने से पूर्व मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘कांग्रेस नेता अपने दावे को साबित करने या लोगों में दहशत फैलाने के लिए कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहें। बाजवा के पंजाब में 50 बमों की तस्करी के बयान के पीछे उनके पाकिस्तान में सक्रिय पंजाब विरोधी ताकतों से गहरे पारिवारिक संबंध हैं, क्योंकि खुफिया एजेंसियों के पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यह सभी को पता है कि बाजवा परिवार के दशकों से पाकिस्तान में सक्रिय पंजाब विरोधी ताकतों से गहरे संबंध रहे हैं, जिससे उन्हें ऐसी तर्कहीन और आधारहीन जानकारी मिल रही है। सीमापार बैठे प्रताप सिंह बाजवा के दोस्त ने उन्हें प्रदेश में शांति भंग करने की अपनी योजनाओं के बारे में जरूर बताया होगा।

बाजवा को इस संबंध में अपनी जानकारी के स्रोत का खुलासा करना चाहिए क्योंकि यह उनका नैतिक कर्तव्य है। क्या बाजवा बमों के फटने का इंतजार कर रहे थे, ताकि वे इस मौके को अपने निजी राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल कर सकते।

इस तरह का उदासीन व गैर-जिम्मेदाराना रवैया अनुचित है। झूठे दावे करके लोगों को डराना एक अक्षम्य व घृणित अपराध है, जिसके लिए गंभीर कार्रवाई होगी। कांग्रेस हाईकमान फूट डालने वाली ऐसी ताकतों से गहरे संबंध रखने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त करे।

गौरतलब हो कि बाजवा ने एक टीवी प्रोग्राम में कहा था कि अब पंजाब पुलिस लोगों को प्रोटेक्ट नहीं करती। सायं सात बजे के बाद पुलिस खुद को प्रोटेक्ट करने में लग जाती है। मुझे पता चला है 50 बम आए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री भगवंत मान को है या नहीं। 18 बम चले हैं, जबकि 32 अभी बचे हैं।

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