ट्रंप अगर सही हैं तो यह मोदी सरकार का आत्मसमर्पण है : कांग्रेस

0

नई दिल्ली : कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ताजा बयान को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यदि टैरिफ (शुल्क) के संदर्भ में डोनाल्ड ट्रंप की बात सही है तो यह मोदी सरकार का आत्मसमर्पण है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को 10 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद को विश्वास में लेना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने शुल्कों में काफ़ी कटौती करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने अपना यह दावा दोहराया कि भारत अमेरिका पर भारी शुल्क लगाता है जिससे वहां उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है। ट्रंप के इस ताजा बयान पर भारत सरकार की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन दिनों अधिकारिक दौरे पर अमेरिका में हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्रंप के ताजा बयान का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन डीसी में हैं। इसी बीच, राष्ट्रपति ट्रंप यह बयान देते हैं। भारत ने आखिर क्या सहमति दी है? क्या भारतीय किसानों और विनिर्माण क्षेत्र के हितों से समझौता किया जा रहा है? उन्होंने कहा, जब संसद 10 मार्च को फिर से शुरू होगी, तब प्रधानमंत्री को इस पर संसद को विश्वास में लेना चाहिए।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, 140 करोड़ भारतीय नागरिक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के माध्यम से अपनी सरकार की व्यापार नीति को जान रहे हैं। क्या भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के करीबी मित्र डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में टैरिफ में कटौती का फैसला लिया है? उन्होंने सवाल किया कि क्या केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल दबाव में झुक गए हैं और ‘हाउडी मोदी के करीबी दोस्त नमस्ते ट्रंप’ द्वारा निर्देशित मानदंड पर हस्ताक्षर कर दिए हैं? खेड़ा ने कहा, अगर कोई ‘सौदा’ है तो यह ‘सौदा’ गोपनीयता के पर्दे में क्यों छिपा हुआ है? अगर मेक्सिको और कनाडा जैसे देश अमेरिका के पारस्परिक ‘टैरिफ’ पर एक महीने के विराम पर बातचीत कर सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं कर सकता? भारत जवाब मांगता है। उन्होंने कहा, भारत-अमेरिका के बीच दशकों के आपसी सहयोग से निर्मित एक स्थिर, मजबूत और मूल्यवान रणनीतिक व्यापक संबंध रहे हैं। डॉ. मनमोहन सिंह और जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने मिलकर ऐतिहासिक भारत-अमेरिका समझौता के विवरण तय किए, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद था। कांग्रेस नेता ने दावा किया, डॉ. सिंह ने इसके लिए अपनी सरकार के राजनीतिक भविष्य को खतरे में डाल दिया था, लेकिन यह राष्ट्रीय हितों और भारत के असैन्य परमाणु भेद को समाप्त करने में मददगार था।

आज, प्रधानमंत्री मोदी ठीक इसके विपरीत कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि उनकी सरकार ट्रंप द्वारा निर्धारित लाइन को जानती है। खेड़ा के अनुसार, केंद्रीय बजट 2025-26 ने हार्ले-डेविडसन जैसे अमेरिकी ब्रांडों के लिए उच्च क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क कम कर दिया। 13 फरवरी को, मोदी सरकार ने अमेरिकी बोरबॉन व्हिस्की पर ‘टैरिफ’ को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया।  भारत सरकार ने वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क भी 50 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी शुल्क के परिणाम भारत के लिए विनाशकारी हो सकते हैं। खेड़ा ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, आपने भारत के राष्ट्रीय और सामरिक हितों को क्यों ‘सरेंडर’ कर दिया है? जब राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि भारत शुल्क कम करने पर सहमत हो गया है, तब आपके मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में क्या कर रहे थे? क्या जवाबी शुल्क की घोषणा के बाद खुद शुल्क कम करने की तुलना में जवाबी शुल्क को सहना बेहतर नहीं है? उन्होंने पूछा, इस रणनीतिक निर्णय को लेने से पहले आपने किसे विश्वास में लिया, केंद्रीय मंत्रिमंडल, संसद, राजनीतिक दल? अगर मेक्सिको और कनाडा फोन उठाकर ट्रंप से बात कर सकते हैं, तो आप क्यों नहीं? खेड़ा ने कहा, क्या मोदी सरकार ने चुनिंदा मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए हमारे एमएसएमई के हितों को त्याग दिया है? क्या आपके लिए भारतीय किसानों और विनिर्माण क्षेत्र के हितों की तुलना में उनके मित्रवत हित अधिक महत्वपूर्ण हैं? उन्होंने दावा किया, मोदी सरकार की व्यापार नीति विनाशकारी है और यदि वर्तमान रियायत की बात सही है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था-मोदी जी के आत्मसमर्पण के भार से और अधिक कुचल जाएगी।

RAGA NEWS ZONE Join Channel Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *