RBI MPC Meeting: लगातार दसवीं बार आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, उछल गया मार्केट

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 भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार भी प्रमुख ब्याज दरों को यथावत रखा है। आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर और एमपीसी चेयरमैन शक्तिकान्त दास ने आज एमपीसी के फैसलों की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से शुरू हुई थी। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की दर-निर्धारण समिति – मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का पुनर्गठन किया था। इसमें तीन नए नियुक्त बाहरी सदस्यों के साथ पुनर्गठित समिति ने इस बार यह बैठक की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा हुआ है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखने का फैसला लिया है। साथ ही नीतिगत रुख को न्यूट्रल कर दिया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है। गवर्नर ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सुस्ती के संकेत दे रही है।

आरबीआई के फैसले पर शेयर बाजार से पॉजिटिव रिस्पांस देखने को मिला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 500 अंक उछल गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 150 अंक उछल गया।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू ग्रोथ लगातार अपना मोमेंटम बनाए हुए है। उन्होंने कहा, ‘साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी अपना लचीलापन बनाए हुए है। हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव, फाइनेंशियल मार्केट में उतार-चढ़ाव और बढ़े हुए सरकारी कर्ज के चलते डाउनसाइड रिस्क बना हुआ है। वहीं, सकारात्मक बात यह है कि वर्ल्ड ट्रेड इंप्रूवमेंट के संकेत दिखा रहा है।’

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खरीफ के अच्छे रकबे और अच्छी वर्षा के चलते खाद्य महंगाई का दबाव कम हुआ है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि प्रमुख महंगाई दर निचले स्तर पर आ गई है।’

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट में रिसर्च प्रमुख संतोष मीना ने कहा, ‘RBI ने एक संतुलित मौद्रिक नीति घोषित की है, जिसमें ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का विकल्प चुना गया है। साथ ही आरबीआई ने अपना रुख तटस्थ रखने का विकल्प चुना है। आरबीआई गवर्नर ने भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति, आर्थिक वृद्धि और NBFC क्षेत्र के भीतर जोखिम जैसे प्रमुख कारकों को संबोधित किया। हालांकि, बाजार के दृष्टिकोण से एमपीसी के फैसले पॉजिटिव हैं। दर में कटौती का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं था, लेकिन गवर्नर के भाषण में सूक्ष्म संकेत आगामी नीतियों में दर में कटौती की संभावना की ओर इशारा करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘बाजारों के सकारात्मक प्रतिक्रिया देने की उम्मीद है, निफ्टी के निकट अवधि में 25,330 और 25,500 के लेवल को टार्गेट करने की संभावना है। इसी तरह, बैंक निफ्टी तत्काल लक्ष्य के रूप में 51,700 और 52,300 का टार्गेट बना सकता है।

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