मेयर चुनाव में हार के बाद कांग्रेस-आप गठबंधन में दिखी दरार, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर ताजपोशी से आप पार्षद नदारद
मेयर चुनाव में आप-कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता की हार के बाद आप-कांग्रेस गठबंधन में दरार दिखने लगी है। सोमवार को नगर निगम कार्यालय में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की ताजपोशी के दौरान आप के पार्षद नदारद रहे। हालाकि आप के नेताओं ने गठबंधन में दरार की बात को अस्वीकर किया है, लेकिन, दबी जुबान में कांग्रेस व आप के कुछ पार्षद कह रहे हैं कि मेयर चुनाव में हार के बाद क्रास वोटिंग को लेकर जिस तरह से आप ने नेताओं ने कांग्रेस पार्षदों पर आरोप लगाए उससे अब गठबंधन आगे चलना मुश्किल है। शहर के नवनिर्वाचित सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर बंटी और डिप्टी मेयर तरुणा मेहता सोमवार को ढोल के साथ नगर निगम कार्यालय पहुंचे। उनके साथ चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की और कांग्रेस के कई अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। लक्की की मौजूदगी में ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर ने आधिकारिक तौर पर अपनी कुर्सी संभाली।बीती 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव के बाद से ही आम आदमी पार्टी(आप) और कांग्रेस की बीच खींचतान लगातार बढ़ती नजर आ रही है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की ताजपोशी के दौरान आप की गैर मौजूदगी से स्पष्ट हो गया है कि आप और कांग्रेस के गठबंधन को नजर लग चुकी है। मेयर चुनाव के बाद आप के कुछ नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस के पार्षदों ने क्रास वोटिंग की है।
मेयर ने सभी पार्षदों व अधिकारियों की बैठक बुलाई
सोमवार को मेयर हरप्रीत कौर बबला ने सभी पार्षदों और अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षद शामिल हुए, लेकिन कांग्रेस के पार्षद नहीं पहुंचे। इस दौरान मेयर हरप्रीत कौर ने कहा कि उनका मकसद सबको साथ लेकर शहर के विकास कार्यों को गति देना है। इसीलिए यह मीटिंग रखी गई थी, जिसमें कांग्रेस के पार्षदों को छोडक़र अन्य सभी पार्षद पहुंचे। बैठक में आयुक्त अमित कुमार, गुरिंदर सिंह सोढ़ी, सुमित सिहाग एवं शशि वसुंधरा, संयुक्त आयुक्त के.पी. सिंह, बागवानी एवं बिजली के अधीक्षण अभियंता, सभी कार्यकारी अभियंता एवं वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। मेयर ने सभी पार्षदों एवं अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे नगर निगम से संबंधित किसी भी प्रकार के मुद्दे एवं अपने-अपने वार्ड एवं विभागों के विकास कार्यों के लिए उनसे संपर्क करें। उन्होंने कहा कि सबका विकास उनकी प्राथमिकता है तथा पार्षदों एवं नगर निगम के अधिकारियों के सहयोग से शेष विकास कार्य शीघ्र पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां काम में लापरवाही पाई जाएगी, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एफएंडसीसी को लेकर आप में मच गया घमासन
7 फरवरी को होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम की वित्त एवं अनुबंध समिति (एफएंडसीसी) के पांच सदस्यों के चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन हुए। निगम की सबसे अहम कमेटी को लेकर आम आदमी पार्टी(आप) में घमासन मच गया है। सोमवार को कमेटी के लिए नामांकन प्रक्रिया में आप से योगेश ढींगरा और सुमन शर्मा ने नामांकन भरा, इनके साथ ही पार्षद पूनम ने भी निर्दलीय नामांकन भर दिया है। आप के तीन पार्षदों के नामांकन भरे जाने से मतदान के हालात बन गए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस से गुरप्रीत सिंह गाबी, भाजपा से सौरभ जोशी और जसमनप्रीत सिंह ने नामांकन भरा। पांच से अधिक पार्षद के कमेटी सदस्य के तौर पर नामांकन भरे जाने से मतदान की संभावना बन गई है। वैसे, आप के प्रवक्ता और पार्षद योगेश ढिंगरा ने कहा कि पूनम पार्टी की अधिकृत उम्मीदवार हैं। अगर कमेटी के गठन मौके पर नामांकन वापस हो जाता है कि इसके पांच सदस्य सर्वसमिति से चुुन लिए जाएंगे। आप से जुड़े सूत्र की माते तो तीन में से एक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकता है, जिसके पीछे पार्टी के भीतर गुटबाजी को थामना शामिल हैं।
मेयर चुनाव से ही जारी है पार्षद पूनम की नाराजगी
मेयर चुनाव के दौरान भी पूनम ने नाराजगी जताई थी, हालांकि बाद में मना लिया गया था। नामांकन से पूर्व पार्टी के भीतर फिर से खींचातानी सामने आई। बताया जाता है कि पूनम के पति और आप नेता संदीप कुमार सदस्य बनाए जाने को लेकर अड़ गए। जिनकी इस बात को लेकर नाराजगी थी कि उनके नाम कमेटी सदस्य के तौर पर क्यों नहीं भेजे गए। इसके बाद पूनम की तरफ से पूर्व मेयर कुलदीप कुमार और मुन्व्वर ने प्रपोजर की भूमिका निभाई। आप पार्षद के प्रापोजर बनने से यह साफ जरूर हो रहा है कि 7 फरवरी को सदन बैठक के दौरान वित्त कमेटी के गठन से पूर्व पार्टी का कोई एक पार्षद अपना नामांकन वापस ले सकता है। इससे पूर्व अंतिम बार वर्ष 2017 में वित्त समिति के चुुनाव हुए थे। तब भाजपा बहुमत में थी, हालांकि गुटबाजी के चलते चुनाव में क्रास वोटिंग हुई और लाभ कांग्रेस को मिल गया था।
सदन के बाद एफएंडसीसी दूसरी सबसे पावरफुल कमेटी
मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के बाद अब नगर निगम में वित्त एवं अनुबंध कमेटी एफएंडसीसी) की दौड़ शुरू हो गई है। सात फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन भरे जा चुके हैं। नगर निगम सदन के बाद एफएंडसीसी दूसरी सबसे पावरफुल कमेटी होती है, जिसके पास 50 लाख तक के विकास के कार्यों को हरी झंडी देने की शक्ति होती है। इसके अलावा कोई भी नीतिगत एजेंडा सबसे पहले एफएंडसीसी में ही लाया जाता है। मेयर बनने के बाद सबसे पहले इस कमेटी का गठन किया जाता है, क्योंकि नगर निगम की सदन की बैठक में जो प्रस्तुत होगा, उसे पहले एफएंडसीसी की मंजूरी जरूरी होती है। ऐसे में पहले कमेटी का गठन होगा। कमेटी में मेयर व अन्य अधिकारियों के अलावा पांच पार्षद होते हैं। पार्टियों के पार्षदों की संख्या के अनुसार भाजपा और आम आदमी पार्टी के दो-दो पार्षदों को इसमें जगह मिलेगी और कांग्रेस का एक पार्षद इस कमेटी का सदस्य हो सकता है। 7 फरवरी को मेयर हरप्रीत कौर बबला ने सदन की बैठक बुलाई है, उसी में कमेटी के सदस्यों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।