दुनियाभर में मची उथल-पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी है? वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया

देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि आत्मनिर्भर भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह डिफेंस सेक्टर में क्या-क्या कर सकता है। दुनियाभर में युद्धों का संकट गहराया हुआ है। युद्ध लड़ रहे कई देश आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं, जिसका असर उनकी GDP पर पड़ा है। इस वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में दिख रही है। मुद्रास्फीति कम हो रही है और निर्यात बढ़ रहा है। वित्तीय बाजार भी तेजी से ग्रोथ कर रहा है। बैंकिंग सेक्टर भी बहुत अच्छी स्थिति में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक इंटरव्यू में ऑपरेशन सिंदूर, अहमदाबाद प्लेन क्रैश, GST और मेक इन इंडिया समेत कई विषयों पर खुलकर बात की है। आइए जानते हैं कि वे क्या कह रही हैं?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि पिछले 11 साल में बजट पेश करने के बाद मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कुछ ऐसी नीतियां बनाई जाएं, जो देश की इंडस्ट्रीज, खासकर MSME के विकास में मददगार साबित होंगी। नए बाजारों पर निर्यातक नजर बनाए हुए हैं। बैंक अच्छा काम कर रहे हैं और लोन की स्थिति अच्छी है। बैंकों के पास आगे बढ़ने के लिए काफी नकदी है। मानसून के बादल जमकर बरस रहे हैं। जलाशय भर रहे हैं तो किसानों की फसलों की सिंचाई भी हो रही है।
एग्रीकल्चर सेक्टर MSME और उद्योगों की तरह अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। कृषि सुधारों पर बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि सुधारों पर कोई रोक नहीं लगी है। साल 2025 के बजट में बताया गया है कि सरकार GST को आसान कैसे बनाएगी? जल्दी ही GST का दूसरा संस्करण आएगा, जिस पर काम चल रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (IRB) को मजबूत करने पर फोकस है। RRB का इस्तेमाल ग्रामीण ऋण को बढ़ावा देने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। धन-धान्य कृषि योजना कृषि उत्पादकता और मूल्य संवर्धन के जरिए किसानों की आय बढ़ा सकती है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मेक इन इंडिया को और अधिक महत्वाकांक्षी बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। आत्मनिर्भर भारत ने पूरी दुनिया केा वास्तव में दिखा दिया है कि यह डिफेंस सेक्टर में क्या-क्या कर सकता है। भारतीय उद्योगों का जिस हद तक विकास हुआ है, मध्यम और छोटी इकाइयों ने जिस तरह से रक्षा उपकरणों का उत्पादन किया है, भारतीय डिफेंस सेक्टर को पूरी दुनिया में बाजार मिलने लगे हैं। भारत का डिफेंस इंपोर्ट 25000 से 30000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ एक बड़ा व्यापार सौदा करने का ऐलान किया है। सरकार ने तय किया है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील करते हुए सुनिश्चित करेंगे कि एग्रीकल्चर सेक्टर, किसानों और डेयरी सेक्टर को कोई नुकसान न हो। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में एक प्रतिशत की कटौती की है और बैंकर बहुत आशावादी हैं। उन्होंने RBI द्वारा ब्याज दरों की कटौती का स्वागत किया है। बेशक बैंकों को ऋण देने और जमा करने में संभलने की जरूरत पड़ेगी, लेकिन उनके लिए इस मुश्किल से निकलना नामुमकिन भी नहीं है।
वित्तमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, लेकिन इससे राजकोषीय घाटा नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी मानते हैं कि भारतीय रक्षा बलों को उनका हक मिलना चाहिए। साल 2014 से भारतीय रक्षा बलों को बुलेट प्रूफ जैकेट, हथियार और गोला-बारूद की जरूरत पड़ रही है। UPA के 10 साल के कार्यकाल में कुछ भी नहीं खरीदा गया। अगर खरीदा भी गया तो वह जरूरत के बजाय रिश्वत के आधार पर खरीदा गया। मोदी सरकार जरूरत के हिसाब से रक्षा बलों के लिए खरीदारी कर रही है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश दुखद हादसा था। इस हादसे ने देशवासियों की मानसिकता को प्रभावित किया है। एयरलाइंस की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, लेकिन एविएशन सेक्टर में सुधारात्मक उपाय लागू किए जाएंगे। भारत देश को बेहतरीन एयर कनेक्टिविटी की जरूरत है।