गेहूं के दामों में 8 फीसदी की बढ़ोतरी, स्टॉक रखने की सीमा तय, 31 मार्च 2024 तक प्रभावी

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दिल्ली, 13 जून

गेहूं की कीमतों में 8 फीसदी की तेजी को देखते हुए सरकार ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं के भंडारण की सीमा तय कर दी है। स्टॉक लिमिट का यह फैसला 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगा। इतना ही नहीं, सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला किया है। गेहूं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार इस महीने के अंत तक थोक उपभोक्ताओं, कारोबारियों को 15 लाख टन गेहूं जारी करेगी.

 

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार केंद्र सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा और मुनाफाखोरी और जमाखोरी को रोकने के उद्देश्य से गेहूं के भंडारण की सीमा तय की है. यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर पर लागू होगा। यह स्टॉक सीमा 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगी। पिछले 15 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है सरकार ने गेहूं की स्टॉक होल्डिंग लिमिट तय कर दी है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि थोक और खुदरा भाव में इतना इजाफा नहीं हुआ है, इसके बावजूद सरकार ने गेहूं की स्टॉक सीमा तय कर दी है.

 

गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार 15 लाख टन गेहूं खुले बाजार में थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को बेचेगी. खुले बाजार के लिए आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।सरकार ने यह फैसला पिछले महीने बाजार में गेहूं की कीमतों में 8 फीसदी की उछाल के बाद लिया है।

 

उन्होंने कहा कि किसानों और व्यापारियों के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। इसके साथ ही जमाखोरों ने स्टॉक भी कर रखा है। फिलहाल सरकार गेहूं के आयात पर ध्यान नहीं दे रही है। गेहूं आयात शुल्क घटाने के सवाल पर खाद्य सचिव ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है और देश में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है. हालांकि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

 

मालूम हो कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में भारी उछाल आया था, तब मई 2022 में सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा को देखते हुए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. 1 मई, 2023 तक, एफसीआई के गोदामों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए 184 लाख टन गेहूं की वार्षिक आवश्यकता के मुकाबले 285 लाख टन गेहूं का भंडार है।

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