मुंबई, 31 अक्टूबर,
हिंसक हुआ मराठा आरक्षण, प्रदर्शनकारियों ने विधायकों और पूर्व मंत्रियों के घर फूंके, आमरण अनशन पर बैठे मनोज जारांगे
मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन हिंसक हो गया. दो विधायकों के घर और दफ्तर में तोड़फोड़ की गई. नगर निगम भवन में आग लगाने का प्रयास किया गया. आरक्षण के समर्थन में बीजेपी के एक विधायक और शिवसेना शिंदे गुट के एक सांसद ने भी इस्तीफे का ऐलान किया है.
आंदोलनकारियों ने छत्रपति संभाजी महाराज नगर के गंगापुर में भाजपा विधायक प्रशांत बंबा के कार्यालय में तोड़फोड़ की और दूसरे विधायक प्रकाश सोलंके के घर पर पथराव किया और आग लगा दी. इसके बाद बीड के माजलगांव नगर निगम भवन की पहली मंजिल पर आग लग गई. इस आगजनी में नगर निगम का फर्नीचर क्षतिग्रस्त हो गया.जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में, जहां मनोज जारांगे पाटिल अनशन कर रहे हैं, मराठा आंदोलनकारियों ने नगर निगम के मुख्यालय में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों पर ताला लगा दिया.
आंदोलनकारियों ने बीड में एनसीपी विधायक संदीप काशीरसागर के घर में आग लगा दी. इसके बाद पूर्व मंत्री जय काशीरसागर का घर भी जला दिया गया. बीड में एनसीपी दफ्तर में भी आग लगने की खबर है. बीड के कुछ हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई है.
यवतमाल में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी हंगामा जारी रहा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यहां ‘शासन आपके द्वार’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे. वहां उनकी बैठक में शिवसेना उद्धव गुट के समर्थकों ने हंगामा करने की कोशिश की, जिसे शांत कराने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर अशांति की आशंका को देखते हुए कई जगहों पर राज्य परिवहन की बसों की आवाजाही रोक दी गई है. इस बीच, मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के समर्थन में परभणी के सांसद हेमंत पाटिल और बीजेपी विधायक लक्ष्मण पवार ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. लक्ष्मण पवार बीर के गेवराई विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं।
आंदोलनकारियों ने कई इलाकों में नेताओं की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है. इसके चलते कई मंत्रियों और नेताओं को इलाकों का दौरा रद्द करना पड़ा. विधायक रत्नाकर गुट्टे ने सोमवार को मराठा आरक्षण के समर्थन में एक दिवसीय उपवास रखा, वहीं विधायक माणिकराव कोकाटे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. 25 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल ने चेतावनी दी है कि वह 1 नवंबर से अपना आंदोलन तेज करेंगे और पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण दिए बिना अपना अनशन खत्म नहीं करेंगे.
मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उपसमिति की बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि फड़णवीस सरकार द्वारा लागू मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. राज्य सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की है. अब राज्य सरकार तीन जजों की एक विशेषज्ञ समिति बनाएगी. समिति सरकार को सलाह देगी कि सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कैसे आगे बढ़ना है।
11,530 कुनबी मराठा परिवारों की पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर माह में गठित जस्टिस संदीप शिंदे समिति ने 1 करोड़ 72 लाख दस्तावेजों की जांच के बाद अब तक मराठवाड़ा क्षेत्र के 11,530 कुनबी मराठा परिवारों की पहचान की है. समिति ने सरकार से आगे की जांच के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है. आज की कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लग जायेगी.
शिंदे के मुताबिक, समिति द्वारा मराठा कुनबी के रूप में पहचाने गए परिवारों को प्रमाण पत्र देने का काम आज से शुरू होगा. उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताते हुए मराठा युवाओं से हिंसा का रास्ता न अपनाने की अपील की है.