पास्को एक्ट लगा, अब एक और एक्ट लगाने की तैयारी चंडीगढ़ तक हुई जालंधर देहात पुलिस की किरकिरी
फिल्लौर पुलिस के पूर्व एसएचओ भूषण कुमार के खिलाफ पासको एक्ट लगा दिया गया है। अब फिल्लौर के डीएसपी पर गाज गिर सकती है। सवाल खडा हो रहा है कि 14 साल की बच्ची से 23 अगस्त को रेप हुआ और 24 को उसकी माँ शिकायत लेकर थाने पहुंची लेकिन 5अक्तूबर तक मामला दर्ज नहीं हुआ। थानेदार ने अगर केस दर्ज नहीं किया तो क्या फिल्लौर के डीएसपी सुपरविजन अफसर जोकि फिल्लौर ही बैठते हैं उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीॉ थी ?
इतना ही नहीॉ केस दर्ज होने के बाद महिला अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी डीएसपी ने पत्र नहीं लिखा और तो और बच्ची का मेडिकल भी नहीं करवाया गया। इसके ज़िम्मेदार कौन है ? लिहाजा डीएसपी पर भी जांच शुरू करने की तैयारी चल रही है।
14 साल की बच्ची से रेप, एसएचओ बोला- मैं चेकअप कर देता हूं कि रेप हुआ या नहीं’ पर आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने संज्ञान लिया था। आयोग ने एसएसपी को भेजे नोटिस में कहा है कि 14 साल की बच्ची से रेप को लेकर डेढ़ महीने तक एसएचओ ने कार्यवाही नहीं की।
आयोग ने निर्देश दिए थे कि तथ्य जांच कर एसएचओ के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत पर्चा किया जाए। एसएसपी से 23 अक्टूबर तक कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी गई थी।
पहले केस में बीएनएस की धारा 75 (1) पुलिस एक्ट की धारा 67 (डी) व आईटी एक्ट की धारा 67 लगाई गई है। केस में राहत के लिए भूषण ने एडिशनल सेशन जज की कोर्ट में एंटीसिपेट्री बेल लगाई है, सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है।
वहीं जिस महिला को एसएचओ एकांत में बुलाकर अपनी हवस मिटाना चाहता था वह दलित महिला है। पुलिस ने दलित महिला के साथ यौन उत्पीड़न का केस तो दर्ज कर लिया लेकिन दलित उत्पीड़न की धारा एससीएसटी एक्ट नहीं लगाया गया है। पीड़ित परिवार एससी आयोग के पास पहुंच गया है।
