क्या सुखबीर बादल देंगे इस्तीफा? अकाली दल में बढ़ी अंदरूनी कलह

आज शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के जालंधर में अपनी ही पार्टी के खिलाफ बड़ी बैठक की. बैठक में अकाली दल के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. उधर, चंडीगढ़ में अकाली दल की अहम बैठक हुई, जिसमें उक्त नेता गैरहाजिर पाए गए।
अनुपस्थित पाए गए नेताओं में जो उस समय जालंधर में एक अलग बैठक कर रहे थे, उनमें सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम चंदूमाजरा और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- आज इस बात पर गंभीर चर्चा हुई कि अकाली दल इतना कमजोर क्यों हो गया है. आज हम अर्श से फर्श पर आ गये हैं. आज पार्टी को पुरानी नींव पर वापस लाने के लिए बदलाव जरूरी है।
अकाली दल बचाएगा यात्रा-चंदूमाजरा
बैठक के दौरान प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि 1 जुलाई को सभी अकाली नेता श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकेंगे. हम 1 जुलाई को वहां से शिरोमणि अकाली दल बचाओ आंदोलन शुरू करेंगे. इस यात्रा में अकाली दल के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे.
चंदूमाजरा ने यह भी कहा- मैं पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल से अपील करता हूं कि वह कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज न करें, बल्कि उन्हें समझें। वोटिंग के बाद पार्टी फैसला लेगी. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को बदलने की मांग उठी थी. अब इस मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया है.
जानकारी के मुताबिक, नेताओं की बैठक करीब पांच घंटे तक चली. नेताओं ने कहा- अकाली दल का स्तर 2017 से 2024 तक गिर गया है, यह चिंता की बात है. इसके साथ ही चंदूमाजरा ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से इस तिथि पर बलिदान की भावना को ऊंचा रखने की अपील की है.
बैठक में वरिष्ठ नेता पहुंचे
जालंधर में हुई बैठक में अकाली दल के कई नेता मौजूद रहे. जिसमें सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदरपाल सिंह टोहड़ा, गगनजीत समेत तमाम अकाली नेता शामिल हुए। परमजीत कौर लौंडरां, बीबी धालीवाल, परमिंदर सिंह ढींडसा, बलबीर सिंह घुंसन, रणधीर सिंह रखड़ा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, करनैल सिंह पंजोली, सरवन सिंह फिल्लौर आदि के नाम शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में अहम बैठक बुलाई थी. बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने की. जिसमें बादल ने बीजेपी के साथ गठबंधन न करने के फैसले की सराहना की.
अकाली दल की इस बैठक में पार्टी के जिला अध्यक्षों ने आरोप लगाया है कि सरकार पंथ और पंजाब को नेतृत्वविहीन करने की साजिश रच रही है. अध्यक्षों ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल को कमजोर करने या तोड़ने की कोशिशों के पीछे बीजेपी और उसकी एजेंसियां हैं.