हिमाचल में बर्फबारी से वाहनों की आवाजाही ठप, कई सड़कों से कटा संपर्क; घंटों जाम में फंसे लोग
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चांशल घाटी के बंद होते ही डोडरा क्वार उपमंडल की पांच पंचायतों के सैंकड़ों लोगों को डोडरा क्वार मुख्यालय से गोसांगू व हारली खड्ड होकर वाया उत्तराखंड राज्य के दोगरी से दांताधार होकर धौला में गंतव्य स्थान तक पहुंचना पड़ता है। यह पैदल ट्रैक डोडरा क्वार से लेकर धौला तक करीब 20 से 22 किलोमीटर लंबा है जिसमें पैदल चलकर लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचना पड़ता है।
फरवरी माह में स्कूल खुलते ही वहां पर पहुंचने के लिए शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। डोडरा क्वार के चैधार में उपमंडलाधिकारी कार्यालय में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें भी धौला से डोडरा क्वार पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अब मौसम साफ होने पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया जाएगा। खराब मौसम की स्थिति में रोहडू व डोडरा क्वार के लोगों से आग्रह है कि वे जान जोखिम में डालकर घाटी को पार करने की कोशिश न करें।
जिला प्रशासन ने 19 से 22 फरवरी तक जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की संभावना को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इस दौरान प्रशासन ने स्थानीय एवं पर्यटकों को अनावश्यक यात्रा न करने व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की भी हिदायत दी है।
हिमपात व वर्षा होने से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है जबकि बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं। उन्हें आगामी सेब व अन्य फलों की अच्छी पैदावार की संभावना जगी है। बागबानों का कहना है कि यदि थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद इसी तरह हिमपात व वर्षा होती रही तो कुछ हद तक फसल की उम्मीद की जा सकती है।
लगभग दो घंटे तक लगे जाम में सैकड़ों वाहन फंसे रहे। सबसे अधिक समस्या सरकारी व निजी दफ्तरों के कर्मचारियों को हुई। जाम की स्थिति को देखते हुए कई लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल गए। हालांकि जाम से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाया।
इस दौरान सड़क पर रेत बिछाने से वाहनों के पहियों ने रफ्तार पकड़ी और दोपहर तक यातायात सामान्य स्थिति में पहुंच गया। वहीं किसानों व बागवानों ने राहत की सांस ली है। इस साल सामान्य से कम हिमपात हुआ है जिसके कारण गुठलीदार फलों, सेब और सब्जियों की पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ा है।