स्वास्थ्य विभाग पंचकूला के फार्मासिस्ट योगेश्वर पर नियमित ड्यूटी के दौरान रेगुलर एलएलबी करने का आरोप, और उस पर विभाग की लीपापोती

0

स्वास्थ्य विभाग पंचकूला के फार्मासिस्ट योगेश्वर पर नियमित ड्यूटी के दौरान रेगुलर एलएलबी करने का आरोप, और उस पर विभाग की लीपापोती

शिकायत पर एचसीएस ने की फार्मासिस्ट योगेश्वर शर्मा को चार्जशीट करने की सिफारिश, पर बचाने में जुटे अधिकारी

मौजूदा डीजी हेल्थ डॉ. मनीष बंसल के चार्जशीट करने के आदेशों पर सेकेंड डीजी डॉ. कुलदीप कुमार ने चलाई कैंची, दी क्लीनचिट

पंचकूला : पंचकूला स्वास्थ्य विभाग में तैनात तृतीय श्रेणी कर्मचारी फार्मासिस्ट योगेश्वर शर्मा द्वारा नियमित ड्यूटी के दौरान रेगुलर एलएलबी करने का मामला सामने आया है। मामले की शिकायत होने के बावजूद इसे अधिकारियों द्वारा दबाया जा रहा है। बाकायदा मौजूदा डीजी डॉ. मनीष बंसल के संबंधित कर्मचारी को चार्जशीट करने के आदेशों पर सेकेंड डीजी डॉ. कुलदीप कुमार ने कैंची चला दी। यह तमाम आरोप सिविल अस्पताल पंचकूला से रिटायर हो चुके जसविंदर सिंह ने पंचकूला रेड बिशप में पत्रकारवार्ता के दौरान लगाए हैं। साथ ही पुनः शिकायत करके जांच की मांग की है। यहां पत्रकारवार्ता करके वह सिर्फ सरकार और अधिकारियों से यह पूछना चाहते हैं कि क्या नियमों के तहत कोई नियमित कर्मचारी को रेगुलर डिग्री करने की स्वीकृति सरकार या विभाग द्वारा दी जा सकती है? अगर सही है तो पूर्व में कई कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई गलत है और उन्हें बहाल किया जाए। यदि गलत है तो इस मामले में भी कार्रवाई की जाए।

जसविंदर सिंह का कहना है कि योगेश्वर ने निचले अधिकारियों के साथ मिलकर तत्कालीन डीजी हेल्थ से अनुमति लेकर वर्ष 2020 को पंजाब यूनिवर्सिटी में एलएलबी में रेगुलर दाखिला ले लिया जबकि इसी दौरान वह अस्पताल में भी नियमित ड्यूटी करता रहा। आरोप है कि अस्पताल के अधिकारियों ने योगेश्वर को विशेष लाभ देते हुए दोपहर 2 से 8 बजे तक ड्यूटी करने का मौका भी दे दिया। लगातार तीन साल तक योगेश्वर यूनिवर्सिटी ओर अस्पताल दोनों जगह हाजिरी लगता रहा, जो सरासर नियमों की अनदेखी थी।मामले के रोचक बात यह है कि यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए योगेश्वर नेशनल द्वारा ड्रेगन बोट में खेलने गया और यहां हाजिरी भी लगाता रहा। इसके अलावा अतिरिक्त भत्ता भी लिया। क्योंकि सीएसआर नियम 2016 स्टडी और लीव कहता है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारी सरकारी सेवा के साथ–साथ नियमित हाजिरी लगाकर उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता।

जसविंदर का आरोप है कि जब इसकी शिकायत विभाग को सौंपी गई तो इसकी जांच का जिम्मा विभाग में ही तैनात एचसीएस अधिकारी को सौंपा गया। सभी पहलुओं पर जांच के बाद एचसीएस ने सितंबर 2024 को योगेश्वर के साथ भूपिंदर नैन अधीक्षक और एक सहायक को चार्जशीट करने की सिफारिश की। यह भी लिखा कि योगेश्वर को अनुमति गलत ढंग से केवल उसे फायदा पहुंचाने के लिए दी गई जबकि कोई तृतीय श्रेणी कर्मचारी नियमित उच्च शिक्षा नहीं ले सकता। इस पर मौजूद डीजी डॉ. मनीष बंसल ने अक्टूबर 2024 को संबंधित कर्मचारियों को नियम 7 के तहत चार्जशीट करने पर सहमति दी। बाकायदा इस मामले को सीएमओ पंचकूला के पास भेज दिया था। लेकिन डीजी डॉ मनीष बंसल के छुट्टी पर जाते ही सेकेंड डीजी डॉ कुलदीप कुमार ने उसे फाइल कर दिया और योगेश्वर सहित अन्य को एक तरह से क्लीनचिट दे दी। जसविंदर का कहना है कि इस मामले को लेकर वह कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं , लेकिन अधिकारी कार्रवाई करने की बजाय विभाग को नुकसान पहुंचाने वालों का साथ दे रहे हैं। अब स्वास्थ्य मंत्री आरती राव से शिकायत की है।

RAGA NEWS ZONE Join Channel Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबर