हरियाणा में आंधी और आग ने मचाया आतंक, छह जिलों में 650 एकड़ में फैली गेहूं की पक्की फसल राख; किसानों का छलका दर्द

सिरसा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 250 से ज्यादा एकड़ में फसल-फाने जले हैं। आंधी के बीच आग इतनी तेजी से फैलती गई कि इस पर काबू पाने के लिए प्रशासन को सिरसा एयरफोर्स स्टेशन से भी दमकल वाहन मंगाने पड़े।
इन जिलों में किसानों की फसलों को नुकसान
- हिसार: ओले भी गिरे, आगजनी से भी फसल को हुआ नुकसान हिसार के बरवाला में वर्षा-ओले और आग से नुकसान हुआ। बालसमंद, मय्यड़, डाटा गांव में गेहूं व फानों में आग लग गई।
- कैथल/फतेहाबाद: आग में फसल के साथ कंबाइन भी जल गई
- सिरसा जिला में नाथूसरी चौपटा खंड के अंदर गांव लुदेसर व रूपाना खुर्द के बीच करीब 250 एकड़ गेहूं और फाने में जले हैं। फतेहाबाद के रतिया खंड के गांव लठेरा और कैथल के कैलरम जिले में फसल के साथ कंबाइन मशीन भी आगजनी में जली गई।
- पानीपत: 13 एकड़ में फसल और 30 एकड़ में फाने जले।
- समालखा के मनाना रोड पर कुछ किसानों की करीब साढ़े 13 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल और लगभग 30 एकड़ में फाने जलकर राख बन गए।
किसानों ने बयां किया दर्द
इस बीच किसानों ने ट्रैक्टर के पीछे हैरो जोड़कर जुताई करते हुए आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन अधिक सफलता हासिल नहीं हुई। इस पर किसानों ने कहा कि फसल के जल जाने से उनकी मेहनत और पूंजी दोनों पर पानी फिर गया है। फसल बचाने की लाख कोशिशें की लेकिन आग इतनी तेज थी कि उस पर काबू नहीं पा सके। किसानों ने कहा कि ओले गिरने से पक्की-पकाई फसल भी नष्ट हुई है। वहीं मंडी में पड़ा अनाज भी भीग गया है।
भारत मौसम विभाग ने वर्षा की संभावना जताई थी। दिन के समय ज्यादा गर्मी होने के कारण हिसार के बालसमंद का अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा। शाम को मौसम में अचानक से बदलाव हुआ। तेज आंधी चली।
उत्तर हरियाणा के जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली। हिसार, यमुनानगर, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, बहादुरगढ़, जींद, रोहतक, सोनीपत जिलों में वर्षा हुई। वर्षा से किसान परेशान हुए हैं।
फसल को नुकसान हुआ है। हिसार के बरवाला क्षेत्र में ओले गिरे। वहीं, बिजली के खंभे और पेड़ गिरने से आमजन को परेशानी हुई। पानीपत समेत कई जिलों में बिजली सप्लाई प्रभावित रही। शनिवार को उत्तर हरियाणा में वर्षा की संभावना है।