पंजाब वार्षिक बजट : विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित, हंगामेदार रहा आज का बजट सत्र

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पंजाब सरकार के बजट सत्र सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है। आज का सत्र हंगामे भरा रहा। बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने जैसे ही सभा को संबोधित करना शुरू किया, विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया और कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने किसान आंदोलन के दौरान पंजाब पुलिस की कार्रवाई और पटियाला में कर्नल और उनके बेटे पर हमले को लेकर वॉकआउट कर दिया। जालंधर से विधायक प्रगट सिंह ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवां पर आरोप लगा दिया और कहा- स्पीकर साहब आपका भी एक व बयान में आया। आपने कहा कि (किसानों के) धरनों की वजह से नशा बढ़ा है। इस पर स्पीकर संधवां भड़क गए और कहा- आप गलत कह रहे है। इस तरह का मेरा एक भी बयान दिखा दो। बिना सिर पैर से बात मत करो।स्पीकर ने कहा कि धरने की वजह से नशा बढ़ा है, यह बात मैंने कभी नहीं की। मुझे भूल थी कि आप बात बहुत बढ़िया बात करते हो। कृपया आप बैठ जाएं।

बाजवा ने जीरो ऑवर में कहा- कर्नल 13 तारीख को अपने बेटे के साथ खाना खाने गए थे। उनकी पत्नी ने बताया कि 12 पुलिस अफसर सिविल ड्रेस में वहां आए और पार्किंग को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान पुलिस वालों ने कर्नल के साथ मारपीट की और उनकी पगड़ी उतार दी। कर्नल ने अपना आईडी कार्ड भी दिखाया, लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि 1992 में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था। उस समय आर्मी कमांड ने यह मुद्दा गवर्नर के सामने उठाया था। जांच के दौरान पाया गया कि एसएसपी की गलती थी, जिसके बाद उसे मूल कैडर पंजाब में वापस भेज दिया गया था। उन्होंने मांग की कि पटियाला के एसएसपी नानक सिंह को वहां से हटाया जाए, क्योंकि उन्होंने अपने कर्मचारियों को बचाने की कोशिश की।

दूसरी ओर, महिला कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा की ओर कूच करना शुरू कर दिया। लेकिन उन्हें चंडीगढ़ पुलिस ने कांग्रेस भवन के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया है। राजा वड़िंग समेत कई कांग्रेस नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। प्रदर्शन कर रही कांग्रेस महिला कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। जिसमें कुछ महिलाएं घायल भी हुई हैं। राज्यपाल कटारिया ने अपने भाषण में नशे के खिलाफ कार्रवाई का भी जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने आप सरकार के 3 साल के कामों का ब्योरा दिया। प्रश्नकाल फिर शुरू हो गया है। जिसमें मक्खू रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का मुद्दा उठा।

विधानसभा में सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने जय जवान, जय किसान के नारे लगाने शुरू कर दिए और बाहर आ गए। बाहर आकर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा- पहले सीएम भगवंत मान खुद किसानों के धरने पर बैठते थे, अरविंद केजरीवाल भी आते रहे। किसानों की मदद से यह 92 का आंकड़ा छू गया। लेकिन अब किसानों के साथ यह घटना हुई। जबकि किसानों ने कहा है कि हमने सड़कें नहीं रोकी। हरियाणा सरकार ने सड़कें रोकी। न ही किसानों ने ट्रेनें रोकी। बाजवा ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के नजदीक इन विरोध प्रदर्शनों को आयोजित करने में भगवंत मान की अहम भूमिका थी, लेकिन अब उन्हें बुलाकर हिरासत में लिया गया।

बाजवा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में विपश्यना के लिए नहीं आए, वे अपनी राज्यसभा सीट पक्की करने आए हैं। वे चाहते हैं कि लुधियाना विधानसभा उपचुनाव में संजीव अरोड़ा जीत जाएं और वे खुद राज्यसभा पहुंच जाएं। व्यापारियों के वोट के लिए किसानों पर भी कार्रवाई की गई है। शुरुआत में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, स्पीकर कुलतार सिंह संधवां और सीएम भगवंत मान समेत सभी ने खड़े होकर राष्ट्रगान गाया। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी दलों के विधायक विधानसभा पहुंच चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा हाथ में तख्ती लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने हाथों पर काली पट्टियां बांध रखी थीं।

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