चंडीगढ़ के सेक्टर-33 के किराए के मकान में चल रहे आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट का पुलिस ने किया पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

चंडीगढ़ पुलिस की ऑपरेशन सेल ने सेक्टर-33 स्थित एक कोठी में छापा मारकर एक बड़े पैमाने पर चल रहे आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सोमवार को पंजाब किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच चल रहे आईपीएल के लीग स्टेज का सेकेंड लास्ट मैच था, जिस पर सट्टा लगाने के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों को दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सेक्टर 33, चंडीगढ़ के निवासी हरदीप सिंह उर्फ जॉली (50 वर्षीय), भुवन (25 वर्षीय) और संतोष (19 वर्षीय) तथा सेक्टर 20, पंचकूला के निवासी दीपक उर्फ दीपू पेप्सी (43 वर्षीय) शामिल हैं। जबकि एक आरोपी विष्णु मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है। मौके से पुलिस ने 43 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 2 टैबलेट, 1 एलईडी स्क्रीन, 2 वाई-फाई राउटर, एक पोर्टेबल गैंबल बॉक्स सहित कई सट्टेबाजी से संबंधित उपकरण बरामद किए हैं। इसी के आधार पर इनके खिलाफ पंजाब गैम्बलिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत थाना सेक्टर-34, चंडीगढ़ में मामला दर्ज किया गया है।
यह पूरा रैकेट एक किराए के मकान से संचालित किया जा रहा था, जिसमें बुकियों के माध्यम से एक संगठित नेटवर्क बनाया गया था। आरोपी मैच की लाइव टेलीकास्ट का अर्ली एक्सेस लेकर, कौन सी टीम जीतेगी, टॉप बल्लेबाज या गेंदबाज कौन होगा, ओवर दर ओवर रन, और खिलाड़ियों के प्रदर्शन जैसे कई पहलुओं पर सट्टा लगवाते थे। इस दौरान लेन-देन मुख्य रूप से नकद के रूप में होता था, हालांकि जांच में सामने आया है कि इनके कुछ सहयोगी दुबई से इस गतिविधि को संचालित कर रहे थे, जहां सट्टेबाजी कानूनी है। मंगलवार को सेक्टर-26 स्थित ऑपरेशन सेल कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए एसपी ऑपरेशंस गीतांजलि खंडेलवाल ने इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस के छापे के दौरान सट्टा लाइव चल रहा था और सभी आरोपी रंगे हाथों पकड़े गए। हालांकि एक आरोपी भागने में सफल रहा, लेकिन उसे भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल कोई नकदी बरामद नहीं हुई है क्योंकि सट्टेबाजी के ज्यादातर लेन-देन ऑनलाइन माध्यम से किए गए थे। गिरोह के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन, विशेषकर दुबई से जुड़े संबंधों की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने पूरे नेटवर्क और फाइनेंशियल ट्रेल की गहन जांच शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और सभी आरोपी चंडीगढ़ के ही निवासी हैं।