PM Modi Speaks to Netanyahu: पीएम मोदी ने इजरायली PM नेतन्याहू से की बात, बोले- भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) से फोन पर बात की है। इस बारे में पीएम मोदी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा की है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “प्रधानमंत्री नेतन्याहू से पश्चिम एशिया में हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की।
आतंकवाद की हमारे विश्व में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। क्षेत्रीय तनाव को रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। भारत शांति और स्थिरता की बहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
पीएम मोदी और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच यह बात ऐसे समय पर हुई है, जब इजरायल चारों ओर से युद्ध से घिरा है। साथ ही जब मिडिल ईस्ट में संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। इजरायल ने लेबनान पर लगातार हवाई हमले किए हैं और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्ला के सात शीर्ष अधिकारियों को हटा दिया है।
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल सीमित जमीनी अभियान की योजना बना रहा है और उसने इस बात की जानकारी संयुक्त राज्य अमेरिका को दी है। इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने उत्तरी सीमा पर तैनात 188 आर्मर्ड ब्रिगेड और गोलानी इन्फैंट्री ब्रिगेड के सैनिकों से कहा, “नसरल्लाह का खात्मा एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह सब कुछ नहीं है। हम अपनी सभी क्षमताओं का उपयोग करेंगे।”
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इससे पहले दिन में ईरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि मध्य पूर्व में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां इजरायल की पहुंच न हो। उन्होंने कहा, “मध्य पूर्व में इजरायल की पहुंच से बाहर कुछ नहीं है। हम अपनी सुरक्षा के लिए जहां भी जाना होगा, जाएंगे।” नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल और ईरान के बीच शांति तब होगी, जब ईरान “आखिरकार आजाद” होगा, और यह समय अपेक्षा से पहले आ सकता है।
भारत का शांति और स्थिरता के प्रयासों में सहयोग
दोनों देशों के नेताओं के बीच हुई बात चीत में भारत की ओर से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वह शांति और स्थिरता की बहाली के लिए हरसंभव प्रयासों का समर्थन करेगा। साथ ही, क्षेत्रीय तनाव को बढ़ने से रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना प्राथमिकता है। भारत का यह रुख स्पष्ट करता है कि वह आतंकवाद के किसी भी रूप का समर्थन नहीं करता और शांति के लिए वैश्विक सहयोग के पक्ष में है।