Kolkata Rape-Murder Case: ममता बनर्जी ने डॉक्टरों काे दिया बातचीत का पांचवां और अंतिम न्यौता, शाम 5 बजे बैठक संभव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में चल रहे डॉक्टरों के प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए अंतिम बार बातचीत का न्यौता दिया है। सरकार ने डॉक्टरों को मुख्यमंत्री आवास पर शाम 5 बजे बुलाया है। इस बीच, डॉक्टरों ने अपनी सामान्य सभा बैठक बुलाई है, जिसके बाद डॉक्टर यह फैसला लेंगे कि सीएम ममता बनर्जी के इस बातचीत के न्यौते को स्वीकार करना है या नहीं।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने डॉक्टरों को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि वह ममता बनर्जी के साथ उनके कालीघाट स्थित आवास पर “खुले दिमाग” से चर्चा करें। सरकार ने कहा है कि यह डॉक्टरों के साथ गतिरोध सुलझाने की आखिरी कोशिश होगी। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि इस बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियोग्राफी नहीं की जाएगी, क्योंकि मामला देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है।
इस समय प्रदर्शनकारी डॉक्टर एक सामान्य सभा बैठक कर रहे हैं। इस बैठक के बाद जूनियर डॉक्टर तय करेंगे कि वह सभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के न्यौता को स्वीकार करेंगे या नहीं। इससे पहले, डॉक्टरों ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें लाइव स्ट्रीमिंग न करने और बैठक के मिनट्स को रिकॉर्ड कर दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित करने की बात शामिल थी।
इससे पहले हुई बैठकों में शामिल डॉक्टरों के प्रतिनिधि दल को मुख्यमंत्री के आवास पर 4:45 बजे पहुंचने का निर्देश दिया गया है। इस बार डॉक्टरों और सरकार के बीच गतिरोध को खत्म करने की उम्मीद की जा रही है। सरकार ने डॉक्टरों को सकारात्मक प्रतिक्रिया देने की अपील की है ताकि दोनों पक्षों के बीच बातचीत का कोई नतीजा निकल सके।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच की बातचीत उत्पादक और फलदायी होनी चाहिए। सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है और डॉक्टरों से सकारात्मक सहयोग की उम्मीद कर रही है। यह बातचीत स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रहे संकट को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
कोलकाता में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर राज्य भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है। ममता बनर्जी की सरकार डॉक्टरों के साथ गतिरोध को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह बातचीत एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, जिससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं फिर से सुचारू रूप से चल सकेंगी। हालांकि, डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, वह काम पर नहीं लौटेंगे।