Mahakal Bhasm Aarti: महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन के नियमों में बदलाव की तैयारी… कम लोगों को मिलेगा मौका, चुकाना होगी ज्यादा कीमत

उज्जैन : ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बहुत जल्द नए नियमों के साथ भस्म आरती की अनुमति जारी की जाएगी। मंदिर समिति ने भस्म आरती दर्शन के लिए सुविधा शुल्क लेने के मामले रोकने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। प्रबंध समिति की बैठक में विचार-विमर्श के बाद एक अप्रैल से नए नियम लागू होंगे।
खबर है कि नए नियमों के तहत समिति ने भस्म आरती के कोटा में कटौती करने के साथ भस्म आरती का शुल्क बढ़ाने पर भी विचार किया गया है। भस्म आरती दर्शन कराने के लिए सुविधा शुल्क लेने के मामले थम नहीं रहे हैं।
हालांकि ऐसे मामले सामने के बाद मंदिर प्रबंध समिति ने कानूनी कार्रवाई भी की है, लेकिन इसको सख्ती से रोकने के लिए समझा जा रहा है कि मंदिर प्रबंध समिति भस्म आरती का दर्शन कोटा कम करने पर विचार कर रही है।
अभी क्या है व्यवस्था
- अभी प्रतिदिन 1700 लोगों को भस्म आरती दर्शन की अनुमति दी जाती है। इनमें से 400 अनुमति ऑनलाइन व 400 अनुमति ऑफलाइन दी जाती हैं। शेष 900 सीटें मंत्री, सांसद, राजनीतिक पार्टी के प्रमुख, विभिन्न विभागों के अफसर तथा पुजारी, पुरोहित के यजमानों के लिए आरक्षित हैं।
- इस व्यवस्था में भ्रष्टाचार की अधिक गुंजाइश रहती है। वहीं महाकाल मंदिर समिति द्वारा श्री महाकाल महालोक के मुख्य द्वार के सामने पार्किंग परिसर में अन्नक्षेत्र के समीप श्री महाकालेश्वर अतिथि निवास का संचालन किया जाता है।
- वर्तमान में अतिथि निवास भवन की तल मंजिल में नौ कमरे बने हुए हैं। करीब तीन माह पहले प्रबंध समिति की बैठक में इस भवन को चार मंजिला बनाने को लेकर निर्णय लिया गया है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।बताया जाता है इस बार होने वाली प्रबंध समिति की बैठक में टेंडर प्रक्रिया जारी करने को लेकर हरी झंडी मिल सकती है।
वहीं, महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अब प्रशासन सख्त हो गया है। दलालों की शिकायत मिलते ही केस दर्ज करवाया जा रहा है। कूटरचित दस्तावेज से भस्म आरती दर्शन करने वाले दो दर्शनार्थी भी अरोपी बनाए गए हैं।
बीते एक सप्ताह में गौतमबुद्ध नगर के दंपती व मुंबई के श्रद्धालु के अलावा दो दलालों पर चार केस दर्ज हो चुके हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में तड़के होने वाली भस्म आरती की अनुमति के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इस तरह की घटनाओं में महाकाल मंदिर समिति और सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों की मिलीभगत ही उजागर हुई है।
पिछले दिनों महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर ठगी के मामले में व्यवस्था में लगे प्रभारी की भूमिका भी सामने आई थी। इस घोटाले के दो आरोपित की रिमांड खत्म होने पर यह पर्दाफाश हुआ था।
खुलासे के बाद भस्मारती प्रभारी रितेश शर्मा, आईटी सेल प्रभारी राजकुमार, प्रोटोकाल में लगे राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रोटोकाल प्रभारी अभिषेक भार्गव और निजी सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल के दो गार्ड सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ पर प्रकरण दर्ज किया गया था। दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ को हटा दिया गया था।