गठन के बाद सक्रिय हुआ मानवाधिकार आयोग: अब जल्द शुरू होगी शिकायतों पर सुनवाई, आयोग के पास 3500 शिकायतें लंबित
हरियाणा के मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति होने के बाद, आयोग ने वर्किंग शुरू कर दी है। अब आयोग लंबित शिकायतों पर सुनवाई करेगा। पुलिस विभाग में मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे अधिक मामले होने पर आयोग ने भी कड़ा नोटिस लिया है। फिलहाल आयोग के पास 3500 से ज्यादा शिकायतें लंबित हैं। हरियाणा के मानवाधिकार आयोग ने तकरीबन सवा साल बाद फिर से कार्य करना शुरू कर दिया है। आयोग में सभी पद खाली होने की वजह से लोगों की सुनवाई नहीं हो रही थी। आयोग के पास लंबित शिकायतों की संख्या 3500 से अधिक है। अब जल्द ही इन्हें निपटाया जाएगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बतरा को आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया है। वहीं दीप भाटिया और कुलदीप जैन आयोग के सदस्य बने हैं। दीप भाटिया पूर्व में भी आयोग सदस्य रह चुके हैं। आयोग के पास वर्तमान में लंबित 3500 से अधिक शिकायतों में से बड़ी संख्या में पुलिस के खिलाफ शिकायतें हैं।
आयोग की खुद की भी इन्वेस्टिगेशन विंग है। आयोग ने तय किया है कि पुलिस से जुड़े मामलों की जांच पहले विंग से करवाई जाएगी। जरूरत पड़ने पर स्थानीय पुलिस से भी जांच करवाई जाएगी। आयोग सदस्य कुलदीप जैन का कहना है कि आयोग सबसे पहले लंबित मामलों में नोटिस जारी करके उनकी सुनवाई शुरू करेगा। उन्होंने माना कि आयोग में चेयरमैन व सदस्यों के पद रिक्त होने की वजह से शिकायतकर्ताओं को समय पर इंसाफ नहीं मिल पाया। लेकिन अब आयोग की कोशिश रहेगी कि जल्द सुनवाई करके मामलों का निपटारा किया जाए।
अहम पहलू यह है कि 600 से 700 केस ऐसे हैं, जिन पर पहले से सुनवाई चल रही थी। लेकिन बीच में आयोग चेयरमैन व सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने की वजह से इन पर भी सुनवाई रुक गई। सवा साल की अवधि में ही 3 हजार के करीब नई शिकायतें आयोग के पास पहुंची हैं। एक सवाल के जवाब में कुलदीप जैन ने कहा कि सबसे अधिक शिकायतें पुलिस विभाग के खिलाफ ही आई हैं। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से इस संदर्भ में होम सेक्रेटरी और डीजीपी को भी पत्र लिखा जाएगा ताकि पुलिस की कार्यशैली में सुधार हो सके।
पुलिस के खिलाफ आई शिकायतों में सबसे अधिक कार्रवाई नहीं करने को लेकर हैं। पुलिस केस दर्ज करने के बाद भी एक्शन नहीं करती। कई ऐसे मामले भी हैं, जिसमें शिकायत करने के बाद पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की। पुलिस प्रताड़ना के अलावा एफआईआर में नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने के आरोप भी पुलिस पर लगे हैं। ऐसे सभी मामलों में अब आयोग द्वारा नोटिस जारी करके जवाब तलब किया जाएगा।
मानवाधिकार आयोग में सामान्य कागज पर शिकायत करके याचिका दर्ज की जा सकती है। इसके लिए किसी तरह की फीस भी नहीं लगती। दीपक जैन ने कहा कि शिकायतकर्ता अगर चाहे तो वह अपने साथ वकील भी ला सकता है। आमतौर पर मानवाधिकार आयोग में शिकायतकर्ता खुद ही अपने केस लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि अगर शिकायतकर्ता सुनवाई पर नहीं भी आ पाता तो भी आयोग द्वारा तथ्यों के हिसाब से केस की हीयरिंग की जाती है और उसी हिसाब से फैसला भी सुनाया जाता है।