हिन्दू पँचांग

🪷 *हिन्दू पँचांग* 🪷
*10 – 5 – 2025*
🪷 *विक्रम सम्वत~ 2082 (सिद्धार्थ)*
🪷 *दिन ~ शनिवार*
🪷 *अयन ~ उत्तरायण*
🪷 *द्रिक ऋतु ~ ग्रीष्म*
🪷 *कलयुग ~ 5125 साल*
🪷 *सूर्योदय~ 05:33* (*दिल्ली*)
🪷 *सूर्यास्त ~ 19:02*
🪷 *चन्द्रोदय ~ 17:07*
🪷 *चन्द्रास्त ~ 04:25 मई 11*
🪷 *तिथि~ त्रयोदशी*
🪷 *नक्षत्र ~ चित्रा*
🪷 *चंद्र राशि ~ तुला*
🪷 *पक्ष ~ शुक्ल पक्ष*
🪷 *मास ~ वैशाख*
🪷 *करण ~*
*तैतिल~ 17:29 तक।*
*गर ~ पूरी रात*
🪷 *अभिजीत मुहुर्त ~*
*11:51 – 12:45*
🪷 *राहु काल ~*
*08:56 – 10:37*
🪷 *गण्डमूल ~*
*14- मई 11:47 16- मई 16:07 तक*
🪷 *पंचक~*
*20- मई 7:35 से, 24- मई 13:48 तक*
🪷 *दिशा शूल ~ दक्षिण*
🪷 *योग ~*
*सिद्धि योग : किसी भी प्रकार की सिद्धि प्राप्त करने, प्रभु का नाम जपने के लिए यह योग बहुत उत्तम है। इस योग में जो कार्य भी शुरू किया जाएगा वह सिद्ध होगा अर्थात सफल होगा।*
🪷 *यात्रा ~*
*शनिवार*
*तिल या उससे बने पदार्थ, खिचड़ी या उड़द से तैयार पदार्थ खाकर यात्रा करने से अनुकूलता आती है।*
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*शनिवार*
🪷 *पीपल के पेड़ पर सिर्फ शनिदेव की कृपा ही नहीं होती बल्कि माता लक्ष्मी भी पीपल के वृक्ष पर निवास करती है। आपके जीवन में अगर कोई आर्थिक तंंगी चल रही है, तो आप शनिवार के दिन शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीया जरूर जलाएं।*
🪷 *शनिवार को पीपल वृक्ष को जल चढ़ाना और उसके नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह शनि देव को प्रसन्न करने का एक उपाय है और इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि इससे शनि दोष दूर होता है और व्यक्ति को लाभ होता है।*
🪷 *पीपल पेड़ में जल प्रात:काल के समय ही अर्पित करना चाहिए। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद पीपल पेड़ में जल नहीं देना चाहिए।*
🪷 *पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का तेल जलाना शुभ माना जाता है।*
🪷 *पीपल वृक्ष के नीचे दीया सुबह और शाम को जलाना शुभ होता है।*
🪷 *पीपल वृक्ष की परिक्रमा 7 या 108 बार करना शुभ माना जाता है*
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