Heatwave Alert: एनसीआर में मई जैसा तप रहा अप्रैल, तापमान 38 डिग्री के पार; लू और गर्मी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

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गुरुग्रामl: अभी तो अप्रैल का एक सप्ताह ही बीता है और तापमान 38.0 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। अप्रैल में ही मई जैसी गर्मी पड़ने लगी है। सोमवार को अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
सुबह से शाम तक मौसम साफ रहा और दोपहर में इतनी तेज धूप रही कि बाहर निकलने में भी परेशानी हुई। राजीव चौक, इफको चौक और बस स्टैंड क्षेत्र में लोग बसों के इंतजार में बेहाल खड़े नजर आए। मौसम विभाग के अनुसार आगामी तीन दिन में मौसम साफ रहने का अनुमान है।
इधर, जिला आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण ने लू और गर्मी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीसी अजय कुमार ने कहा कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू (हीट वेव) लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है।

हीट वेव से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें।
अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं-भले ही प्यास न लगी हो।
ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन साल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें।
बच्चों को वाहनों में छोड़कर न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है।
नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें।
काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत खलीहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में ही आसरा लें।
गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं।
खासतौर से दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच धूप में सीधे न जाएं।
यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो।
सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें।
तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें।
ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो, यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें, उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें, उनके शरीर को ठंडक देने के साथ साथ डॉक्टर अथवा एम्बुलेंस को बुलाएं, उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।
जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें, उन्हें घर के भीतर रखें, पीने के पानी के दो बाउल रखें, ताकि एक में पानी खत्म होने पर दूसरे से वे पानी पी सकें, यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे।

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