Gurugram News: 2 दिन के रिमांड पर वकील, 5.5 करोड़ से जुड़ा है मामला; पूछताछ में खुल सकते हैं बड़े राज

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हरियाणा के गुरुग्राम में  योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी की सिलोखरा में स्थित 24 एकड़ जमीन को फर्जी कागजात के आधार पर बेचने के मामले में एक वकील की भी संलिप्तता पाई गई है। आरोपित वकील रामानंद यादव फरवरी में हुए जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
संलिप्तता पाए जाने पर आर्थिक अपराध शाखा ने शुक्रवार को उन्हें साउथ सिटी स्थित एक घर से गिरफ्तार कर लिया। एक दिन की पूछताछ के बाद शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। योग गुरु के सेक्टर-30 स्थित अपर्णा आश्रम से जुड़ी करोडों की कीमत वाली इस जमीन को दिसंबर 2020 में दिवालियेपन की कार्यवाही का सामना कर रही चार कंपनियों को कागजों के अनुसार 55 करोड़ रुपये में बेचा गया था।
इस मामले में पिछले साल जून 2024 में सेक्टर-40 में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत चार बिल्डर्स कंपनियों, दो नामजद व्यक्तियों व अज्ञात लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। सूत्रों के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने जांच के दौरान पाया कि रामानंद यादव को दस्तावेजों में जालसाजी करने और जमीन की बिक्री में मदद करने के लिए सौदे के तहत 5.5 करोड़ रुपये मिले थे।
22 फरवरी 2025 में पुलिस ने रामानंद यादव को नोटिस जारी कर पठानिया और दत्त के प्रतिनिधित्व से संबंधित केस रिकार्ड के साथ उपस्थित होने के लिए कहा। पुलिस के अनुसार यादव ने न केवल लगभग 5.5 करोड़ रुपये प्राप्त किए, बल्कि बिक्री विलेख पर गवाहों में से एक के रूप में भी पेश हुए। पूछताछ के दौरान रामानंद यादव ने दावा किया कि यह भुगतान उनकी कानूनी फीस थी।
रामानंद यादव ने नोटिस के बाद एक अप्रैल को जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें केवल अपर्णा आश्रम सोसाइटी, दत्त और पठानिया को कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। इसमें कहा गया था कि मामला उन दस्तावेजों के इर्द-गिर्द घूमता है, जो पहले से ही सरकारी जांच के दायरे में हैं और तर्क दिया कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना अनावश्यक है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार दीवान ने एक अप्रैल को यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इसके बाद यादव ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कानूनी राहत हासिल करने में असफल रहे। आखिरकार गुरुग्राम पुलिस की एक टीम ने शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार किया। वकील पर आइपीसी 420 (धोखाधड़ी), 423 (संपत्ति विलेख का धोखाधड़ी से निष्पादन), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी), 417 (जाली दस्तावेजों या इलेक्ट्रानिक रिकार्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) से संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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