आयुष्मान भारत-चिरायु हरियाणा के बिलों का भुगतान करने को ढ़ाई हजार करोड़ का फंड बनाएगी सरकार

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चंडीगढ़ : केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत और हरियाणा सरकार की चिरायु योजना के तहत गरीब लोगों का उपचार करने वाले प्राइवेट अस्पतालों को 31 मार्च तक उनके बकाया बिलों का भुगतान कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में आईएमए द्वारा रखी गई कई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया। इसके तहत, आयुष्मान योजना के तहत 10 मार्च तक क्लेम के लिए जितने भी आवेदन आएंगे। इसके लिए विभाग को संशोधित बजट में पर्याप्त राशि अनुमोदित की जाएगी। इसके अलावा, अगले वर्ष के लिए आयुष्मान योजना के तहत क्लेम के निपटान व समयबद्ध भुगतान के लिए 2500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया जाएगा। प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों से कहा गया है कि वे नौ मार्च तक जितने भी मरीजों का उपचार करें, उन सभी के इलाज के बिलों का क्लेम करें। राज्य सरकार उनके पुराने और नये सभी बिलों का भुगतान हर हाल में 31 मार्च तक कर देगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मार्च माह में राज्य सरकार का साल 2025-26 का वार्षिक बजट पेश करेंगे। इसी बजट में ढ़ाई हजार करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था करने का भरोसा राज्य सरकार की ओर से आईएमए के प्रतिनिधिमंडल को दिलाया गया है। आईएमए की हरियाणा इकाई के प्रतिधिनियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर त्वरित कार्रवाई की है। आईएमए की ओर से आयुष्मान योजना के तहत पहले की तरह ही इलाज जारी रहेगा और मरीजों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आएगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. महावीर जैन, महासचिव डा. धीरेंद्र सोनी, पूर्व प्रधान डा. अजय महाजन, आयुष्मान उपचार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. सुरेश अरोड़ा और डा. सुनीला ने भुगतान के लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह का समय दिया हुआ था, जो कि सोमवार को पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डा. राजेश खुल्लर ने आइएमए के प्रतिनिधिमंडल को दोपहर बाद सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया। स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल समेत विभाग के समस्त उच्च अधिकारी इस बातचीत में शामिल हुए। डाक्टरों के भुगतान के लिए 1.20 लाख बिल लंबित बताए जा रहे हैं।

600 संचालकों के 400 करोड़ लंबित

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से जुड़े राज्य के करीब 600 अस्पताल संचालकों के लगभग 400 करोड़ रुपये आयुष्मान भारत अथारिटी हरियाणा के पास भुगतान के लिए लंबित थे। आइएमए ने भुगतान नहीं होने की स्थिति में हड़ताल पर जाने तथा आयुष्मान भारत-चिरायु योजना के तहत गरीबों का इलाज नहीं करने की चेतावनी दी तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया गया। अभी भी 200 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है, जिस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्राइवेट अस्पताल संचालकों को कोई रास्ता नहीं दे रहे थे।

1.80 लाख रुपये आय तक वालों का मुफ्त इलाज

आयुष्मान भारत-चिरायु योजना के तहत पहले 1.80 लाख रुपये तक आय वाले लोगों का मुफ्त इलाज होता था। फिर इस आय सीमा को तीन लाख किया गया। अब पांच लाख रुपये तक आय वाले लोगों को भी इलाज मिलता है। इसके लिए उन्हें सरकार को मामूली प्रीमियम का भुगतान करना होता है। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने डाक्टरों से कहा कि नया बजट पेश होने वाला है, इसलिए धन की कोई कमी नहीं होगी। डाक्टरों को इलाज जारी रखना चाहिेए। वे नौ मार्च तक के सभी बिल क्लेप करें, जिनका भुगतान 31 मार्च तक हर हाल में कर दिया जाएगा।

भुगतान विलंबित होने पर हड़ताल पर जाने का होगा फैसला

आईएमए के प्रदेश महासचिव डा. धीरेंद्र सोनी और डा. सुरेश अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने बड़े ही सकारात्मक तरीके से बातचीत की है। डाक्टरों को भरोसा दिलाया गया कि आगे फंड बनाकर भविष्य में उनके भुगतान को विलंबित नहीं किया जाएगा। इसलिए आईएमए की बैठक में सरकार के इन सभी प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें हड़ताल पर जाने अथवा नहीं जाने का फैसला होगा। उन्होंने संकेत दिए कि जब सरकार सकारात्मक है तो फिर डाक्टर भी सकारात्मक ही होंगे। हरियाणा में लगभग 1,300 अस्पताल आयुष्मान भारत के साथ सूचीबद्ध हैं, जिनमें 600 प्राइवेट हॉस्पिटल हैं। राज्य में लगभग 1.2 करोड़ लोगों को इस योजना से जोड़ा गया हैं।

स्पेशलाइज्ड डॉक्टरों की स्पेशल टीम द्वारा प्रोसेस किया जाएगा

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मेडिसन व बाल चिकित्सा संबंधी क्लेमों को स्पेशलाइज्ड डॉक्टरों की स्पेशल टीम द्वारा प्रोसेस किया जाएगा। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जो संदिग्ध मामले सामने आते हैं, उनकी सूचना जल्द से जल्द अस्पतालों के साथ सांझा की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि किसी कारणवश क्लेम राशि में कटौती की गई है, तो अस्पताल द्वारा उस कटौती के कारणों के बारे विस्तृत जानकारी दी जाएगी। क्लेम के निरीक्षण हेतु डॉक्टरों को पुनः प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि समयबद्ध तरीके से क्लेम का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके और अनावश्यक कटौती न हो। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि यदि मरीज आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करवाने का इच्छुक नहीं है तो उसे स्वयं के खर्चे से इलाज करवाने का विकल्प दिया जाएगा।

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