Ambulance: भारत में ड्राइविंग को लेकर बदले नियम! ड्राइव करते वक्त एंबुलेंस को नहीं दिया रास्ता तो….
भारत में ड्राइविंग के दौरान एंबुलेंस को रास्ता न देना आपकी जेब और कानूनी स्थिति पर भारी पड़ सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, इमरजेंसी वाहनों को रास्ता देने का नियम अनिवार्य है। इस नियम की अनदेखी करने पर न केवल आपका 10,000 रुपये का भारी जुर्माना लग सकता है, बल्कि यह गलती दोहराने पर आपको छह महीने की जेल भी हो सकती है।
एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी व्हीकल्स को हर हाल में प्राथमिकता देने का नियम मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194E के तहत लागू है। अगर आप एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं, तो सड़क पर लगे कैमरे आपकी यह गलती रिकॉर्ड कर सकते हैं और आपका चालान काटा जा सकता है। पहली बार गलती पर 10,000 रुपये का चालान और गलती दोहराने पर उतना ही जुर्माना फिर से लगाया जाएगा।
एंबुलेंस को रास्ता देना क्यों जरूरी है?
एंबुलेंस अक्सर गंभीर आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को ले जाती हैं। ऐसी स्थिति में कुछ मिनटों की देरी भी किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। इसलिए, एंबुलेंस को रास्ता देना केवल एक कानून का पालन करना नहीं, बल्कि मानवता का कर्तव्य भी है।
ध्यान रखें ये बातें
अगर आप ड्राइविंग कर रहे हैं और रास्ते में एंबुलेंस दिखे, तो तुरंत उसे रास्ता दें। किसी भी स्थिति में एंबुलेंस का रास्ता रोकने की कोशिश न करें। यह न केवल जुर्माने और जेल जैसी सजा का कारण बन सकता है, बल्कि यह किसी की जिंदगी बचाने के अवसर को भी छीन सकता है।