हरियाणा में नशा को लेकर एक्शन में नायब सरकार, सभी मेडिकल स्टोर में लगेंगे CCTV कैमरे; 3 महीने में 1300 गिरफ्तार

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 चंडीगढ़। हरियाणा में नशे के लिए दवाइयों का इस्तेमाल रोकने के लिए सभी मेडिकल स्टोर में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य किया जाएगा। सभी दवा विक्रेताओं को ऐसी जगह पर अपने लाइसेंस को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा, जहां उपभोक्ता इसे आसानी से देख सकें। 

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने शुक्रवार को राज्यस्तरीय नार्को समन्वय केंद्र की बैठक में उपायुक्तों को नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण कर 22 अप्रैल तक विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 

बैठक में नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के मूल्यांकन के साथ-साथ नशा विरोधी पहलों को मजबूत करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई। मुख्य सचिव ने प्रहरी क्लबों को बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा।

यह क्लब नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में छात्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन क्लबों में शिक्षकों के साथ नशे की लत वाले युवाओं के माता-पिता को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि परामर्श के लिए अधिक सकारात्मक वातावरण स्थापित किया जा सके। 

निरीक्षण के दौरान कमियों की पहचान

गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों के निरीक्षण के दौरान न केवल कमियों की पहचान की जानी चाहिए, बल्कि सुधारों को भी स्वीकार किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ‘संकल्प’ (मादक द्रव्यों के सेवन और मादक पदार्थों के बारे में जानकारी जागरूकता और मुक्ति कार्यक्रम प्राधिकरण) शुरू किया है।

सेवा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा ने बताया कि विभाग द्वारा लाइसेंस शुदा केंद्रों में शुरू से अंत तक नशा मुक्ति सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए हरियाणा नशा दुरुपयोग निगरानी प्रणाली के रूप में एक डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया गया है।
अंबाला और पंचकूला में पायलट प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया जा चुका है। अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। नशा मुक्ति केंद्रों के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली भी शुरू की गई है। 

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर तथा हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि जनवरी से मार्च तक एनडीपीएस अधिनियम के तहत कुल 834 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 

इस दौरान 1319 आरोपितों की गिरफ्तारी की गई। इनमें से 119 मामले नशीले पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा से संबंधित, जबकि 578 मामले मध्यम (इंटरमीडिएट) मात्रा से संबंधित थे। 

‘युवाओं के लिए खेल’ पहल के तहत 2,515 गांवों को कवर किया गया, जिसका उद्देश्य युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में शामिल करना और शिक्षित करना है। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों ने अपने जिलों की रिपोर्ट रखी।

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