55 हजार से ज्यादा की फसलें जलमग्न… हरियाणा में फिर बढ़ेगी किसानों की मुश्किल, आज इन जिलों के लिए अलर्ट

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 प्रदेश में तीन दिन मानसून कमजोर होने के बाद मंगलवार से फिर से वह एक्टिव होगा। सोमवार को भी प्रदेश के छह जिलों में वर्षा हुई। मंगलवार को पांच जिलों में वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में वर्षा की संभावना बनी हुई है।

मानसून (Haryana Weather Today) की बेहतर वर्षा के चलते प्रदेश में 55 हजार एकड़ से ज्यादा फसल में पानी भर गया है। दूसरी तरफ वर्षा के चलते हवा में नमी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 21 जुलाई रात से मानसून फिर से एक्टिव हो रहा है। हवा में नमी के चलते फिर से तेज वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है।

मौसम विज्ञानियों की मानें तो मंगलवार को प्रदेश में छह जिले पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल कैथल में तेज वर्षा की संभावना है। इसमें अलर्ट भी जारी किया गया है। यमुनानगर में 21 एमएम वर्षा, कई जिलों में बूंदाबांदी सोमवार को कई जिलों में दिन में बूंदबांदी हुई तो कई जिलों में छह से 12 एमएम तक वर्षा दर्ज की गई।

सोमवार सुबह से ही ज्यादातर जिलों में बादल छाए रहे। अंबाला में दोपहर के समय 12 एमएम वर्षा हुई। वहीं कुरुक्षेत्र में 6 एमएम वर्षा हुई। यमुनानगर में औसतन 21 एमएम वर्षा हुई जिससे सड़कों पर वर्षा का पानी जमा हो गया।

सड़क से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वर्षा से तापमान में गिरावट आई और लोगों को काफी हद तक गर्मी से राहत मिली। वहीं पानीपत, जींद और करनाल में बूंदबांदी हुई जिससे उमस बढ़ गई।

करनाल के इंद्री क्षेत्र में किसान जान जोखिम में डालकर खेती कर रहे हैं। यहां यमुना को पार करना चुनौती बन गए गया है। कई बार अचानक पानी ज्यादा आने से हादसे भी हो जाते हैं।

प्रदेश के हिसार के अलावा सिरसा, यमुनानगर, झज्जर, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, भिवानी, रोहतक आदि जिलों के खेतों में पानी भरा है। इसे किसान निकाल रहे हैं। कुछ जगह पर तो किसानों ने कपास की फसल पर ट्रैक्टर भी चला दिए।

आंकड़ों में देखे तो यमुनानगर में पांच गांव में धान की दोबारा रोपाई करनी पड़ी। इसमें 500 एकड़ से ज्यादा धान की फसल खराब हुई। इसी प्रकार झज्जर में 12 हजार एकड़ पानी भरने से प्रभावित हुई।

कुरुक्षेत्र में 800 एकड़ से ज्यादा, फतेहाबाद में 1800 एकड़, हिसार में करीब सात हजार एकड़, भिवानी में 12 हजार एकड़ तो रोहतक में करीब 19 हजार एकड़ फसल में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। भिवानी में करीब सात हजार एकड़ से पानी निकाला गया है। इसको लेकर पंपसेट लगाए हुए है।

वहीं सिरसा के आठ गांवों में करीब दो हजार एकड़ फसल वर्षा से हुए जलभराव की वजह से खराब हो गई। जिस वजह से किसानों ने उन पर ट्रैक्टर चला दिया। ये फसलें नरमा, ग्वार और मूंगफली की थीं। किसान अशोक कुमार कासनियां, प्रदीप कुमार, मनीष, राजेश सहारण, मुकेश नंबरदार और भरत सिंह ने बताया कि लगातार पानी भरे रहने से फसलों को नुकसान हो गया।

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