बच्चों को दिया जाता था बासी खाना व एक्सपायरी डेट वाला पेय पदार्थ, प्ले स्कूल सील; कैसे हुआ खुलासा?

बाल कल्याण समिति सदस्य सुनील यादव की ओर से दर्ज कराए गए मामले में बताया गया है कि स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार, स्कूल में कुल बच्चों की संख्या 103 है, जो स्कूल के क्षेत्रफल के हिसाब से काफी अधिक है। स्कूल संचालक पंकज ने स्कूल की मान्यता संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया।
स्कूल में एक बच्चे की तबीयत काफी खराब थी, जिसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। एक बच्चे ने बताया कि यहां बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती है। यह भी बताया कि दो बच्चों की फीस 18 हजार रुपये है। स्कूल में बच्चों की हालत देख टीम ने डॉक्टरों की टीम बुलाई। कुछ बच्चों की हालत ठीक नहीं थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने को कहा गया।
डीसी विक्रम सिंह ने पल्ला क्षेत्र में स्थित निजी प्ले स्कूल से संबंधित शिकायत और निरीक्षण मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी प्ले स्कूलों की जांच करे। ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी किया जाए।
उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग से रिपोर्ट तलब की। डीसी ने महिला एवं बाल विकास विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि छोटे बच्चों की सुरक्षा और उनकी प्राथमिक शिक्षा से जुड़ा यह विषय बेहद संवेदनशील है, जिस पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।