बच्चों को दिया जाता था बासी खाना व एक्सपायरी डेट वाला पेय पदार्थ, प्ले स्कूल सील; कैसे हुआ खुलासा?

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 फरीदाबाद। पल्ला थाना क्षेत्र स्थित सरस्वती कॉलोनी में एक प्ले स्कूल के तीन कमरों में 72 बच्चे मिलने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। स्कूल को सील कर दिया गया है। साथ ही संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले को गंभीर मानते हुए जिला उपायुक्त ने भी रिपोर्ट मांगी है।
पिछले दिनों एक बच्चे की मौत के बाद यह स्कूल सुर्खियों में आया था। स्कूल संचालक मृत बच्चे के पिता से बकाया फीस मांगने मोर्चरी पहुंचा था। गुरुवार को बाल कल्याण समिति व जिला बाल कल्याण संरक्षण की संयुक्त टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया तो स्कूल में भयावह स्थिति देखने को मिली। 

बाल कल्याण समिति सदस्य सुनील यादव की ओर से दर्ज कराए गए मामले में बताया गया है कि स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार, स्कूल में कुल बच्चों की संख्या 103 है, जो स्कूल के क्षेत्रफल के हिसाब से काफी अधिक है। स्कूल संचालक पंकज ने स्कूल की मान्यता संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया।

टीम को कमरे में 34 बच्चे सोते मिले। सोते हुए बच्चों को देखकर लग रहा था कि बच्चों को कुछ खिलाकर या पिलाकर सुलाया गया है। स्कूल संचालक ने टीम के निरीक्षण में बाधा डाली और उन्हें जबरन रोकने का प्रयास किया। स्कूल में कोई भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं था। स्कूल में स्वच्छता का स्तर शून्य है। स्कूल में 16 से 18 बच्चे 24 घंटे रहते हैं। 

स्कूल में एक बच्चे की तबीयत काफी खराब थी, जिसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। एक बच्चे ने बताया कि यहां बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती है। यह भी बताया कि दो बच्चों की फीस 18 हजार रुपये है। स्कूल में बच्चों की हालत देख टीम ने डॉक्टरों की टीम बुलाई। कुछ बच्चों की हालत ठीक नहीं थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने को कहा गया।

स्कूल में एक्सपायरी पेय पदार्थ, बासी गूंथा हुआ आटा और बासी खाना मिला। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम शिखा और जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा सिंह तोमर आईं। गौर हो कि कुछ दिन पहले इस्माइलपुर स्थित दीपावली एन्क्लेव में रहने वाले लक्ष्मण के बेटे नितीश की प्ले स्कूल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी।
डीसी विक्रम सिंह ने पल्ला क्षेत्र में स्थित निजी प्ले स्कूल से संबंधित शिकायत और निरीक्षण मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी प्ले स्कूलों की जांच करे। ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी किया जाए। 

उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग से रिपोर्ट तलब की। डीसी ने महिला एवं बाल विकास विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि छोटे बच्चों की सुरक्षा और उनकी प्राथमिक शिक्षा से जुड़ा यह विषय बेहद संवेदनशील है, जिस पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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