Air India विमान हादसा: दुर्घटना के समय लैंडिंग गियर लीवर ‘डाउन’ स्थिति में था, जानिए इसका क्या मतलब है और इससे जुड़ी पूरी जानकारी

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अहमदाबाद विमान हादसे को एक महीने हो चुके हैं। इस मामले की जांच कर रही विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 12 जून को हुए अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया हादसे के दौरान कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में इंजन फेल होने के दौरान दोनों पायलटों के बीच अहम बातचीत दर्ज है। इस विमान हादसे के बाद की एक तस्वीर अब सामने आई है, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि लैंडिग गियर लीवर ‘DOWN’ पोजिशन में है। ऐसे में कई लोग ये भी जानने चाहते होंगे कि आखिर इसके क्या मायने होते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं।

क्या होता है लैंडिग गियर लीवर?

किसी भी विमान में लैंडिंग गियर लीवर का ‘DOWN’ पोजीशन में होना एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू है, जो विमान के टेकआफ और लैंडिंग के दौरान अहम भूमिका निभाता है। लैंडिंग गियर विमान का वह महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें पहिए, स्ट्रट्स (struts) और अन्य सपोर्टिंग सिस्टम शामिल होते हैं। यह विमान के टेक-ऑफ, लैंडिंग और जमीन पर चलने (टैक्सीइंग) के दौरान सहारा देता है। लैंडिंग गियर को आमतौर पर “नीचे” (DOWN) या “ऊपर” (UP) किया जा सकता है, और इसे नियंत्रित करने के लिए कॉकपिट में एक लैंडिंग गियर लीवर होता है।

लैंडिग गियर लीवर DOWN होने का क्या है मतलब?

लैंडिंग गियर लीवर जब DOWN पोजीशन में होता है तो इसका मतलब ये होता है कि पायलट ने लैंडिंग गियर को नीचे करने का आदेश दिया है। इसका ये भी मतलब होता है कि लैंडिंग गियर पूरी तरह बाहर है और लॉक पोजीशन में है। यह स्थिति आमतौर पर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इस्तेमाल होती है, क्योंकि इन चरणों में विमान को जमीन पर सपोर्ट चाहिए। लैंडिंग गियर जब नीचे होता है तो विमान जमीन पर सुरक्षित रूप से टैक्सी (चल सकता है), टेक ऑफ कर सकता है या फिर लैंड कर सकता है।

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