बैंक कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड के नाम पर फरीदाबाद में युवक से ठगे 62 हजार रुपये

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 हरियाणा के फरीदाबाद में एक बार फिर साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें खुद को बैंक कस्टमर केयर का कर्मचारी बताकर एक युवक के साथ 62 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई। घटना का शिकार हुए युवक का नाम रवींद्र कुमार है, जो सेक्टर-23 का निवासी है। पीड़ित का कहना है कि वह लगातार पुलिस और बैंक के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक न तो उसे ठगे गए पैसे वापस मिले हैं और न ही ठग पकड़े गए हैं।

रवींद्र कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पास एक व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को आरबीएल बैंक कस्टमर केयर का कर्मचारी बताया। फोन करने वाले ने अपना नाम अमित बताया और कहा कि रवींद्र के पुराने क्रेडिट कार्ड की मियाद खत्म हो गई है, इसलिए बैंक की ओर से उसे एक नया कार्ड भेजा जा रहा है। अमित ने रवींद्र से कहा कि नया कार्ड एक्टिवेट करने के लिए एक लिंक भेजा जाएगा, जिसे उसे व्हाट्सएप पर खोलकर सिर्फ एक बार चेक करना है। रवींद्र को शक तो हुआ, लेकिन फोन करने वाले की प्रोफेशनल भाषा और बैंक से जुड़ी जानकारियों ने उसे भरोसा दिला दिया। जैसे ही उसने लिंक पर क्लिक किया, उसके मोबाइल का कंट्रोल ठग के हाथ में चला गया।

लिंक पर क्लिक करते ही रवींद्र का फोन अचानक धीमा पड़ गया और उसके बैंक खाते से एक के बाद एक कई ट्रांजेक्शन हो गए। थोड़ी ही देर में ठग ने उसके क्रेडिट कार्ड से कुल 62 हजार रुपये निकाल लिए। जब तक रवींद्र को पूरी तरह से समझ में आता कि कुछ गलत हो रहा है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

रवींद्र ने तुरंत बैंक से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। लेकिन बैंक अधिकारियों ने कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। उल्टा अब बैंक रवींद्र से 62 हजार रुपये लौटाने का दबाव बना रहा है, जो उसके कार्ड से निकाले गए थे। ठगी की शिकायत रवींद्र ने फरीदाबाद साइबर थाना सेक्टर-28 में भी की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अब तक न कोई गिरफ्तारी हुई है और न ही कोई ठोस कार्रवाई। रवींद्र का कहना है कि वह पिछले कई दिनों से पुलिस स्टेशन के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं।

साइबर थाना पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच चल रही है। तकनीकी टीम लिंक और ट्रांजेक्शन डिटेल्स की जांच कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह की साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और आरोपी अक्सर फर्जी नाम व नंबर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है।

इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठग अब बेहद चालाक और तकनीकी रूप से सक्षम हो चुके हैं। वे असली बैंक अधिकारियों की तरह बात करके आम लोगों को झांसे में ले लेते हैं। इसलिए- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। बैंक कभी भी फोन पर OTP या पर्सनल डिटेल्स नहीं मांगता। किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर करें।

फरीदाबाद की यह घटना सिर्फ रवींद्र कुमार की नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है जो डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करता है। साइबर ठगी से बचाव के लिए सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही भारी आर्थिक नुकसान में बदल सकती है। पुलिस और बैंक को भी ऐसे मामलों में अधिक सक्रियता दिखाने की जरूरत है ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके।

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