खुद को DSP और पत्नी को बताता हाईकोर्ट की अधिकारी, टेंडर दिलाने के नाम पर ठगे 12 लाख; पुलिस ने पानीपत से दबोचा

पानीपत। सीआईए टू ने डीएसपी बन सिक्योरिटी एजेंसी संचालक से पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी का टेंडर दिलाने का झांसा देकर 11.46 लाख रुपये की ठगी की। आरोपित खुद को इंवेस्टिगेशन ब्यूरो का डीएसपी व अपनी पत्नी को हाईकोर्ट की अधिकारी बताता था।
आरोपित लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है। इसलिए उसने ठगी की वारदात को अंजाम दिया। वह करनाल के युवक से भी विदेश भेजने के नाम पर 12 लाख रुपये ठग चुका है। सीआईए वन ने इस फर्जी डीएसपी को आठ मरला से गिरफ्तार किया है। उसे आज यानी वीरवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
डीएसपी सतीश वत्स व सुरेश सैनी ने बुधवार को लघु सचिवालय में पत्रकार वार्ता कर मामले का पटाक्षेप किया। उन्होंने बताया कि सीआईए वन ने सुमित आहूजा निवासी आठ मरला को पकड़ा है। वह खुद को डीएसपी बताता था। उसने सिक्योरिटी एजेंसी संचालक को पंजाब युनिवर्सिटी में सिक्योरिटी का टेंडर दिलाने के नाम पर उससे 11.46 लाख रुपये की ठगी की थी।
दत्ता कॉलोनी निवासी अमित शर्मा ने शिकायत देकर बताया था उसका एवी सिक्योरिटी सर्विस के नाम से मॉडल टाउन में कार्यालय है। वह सिक्योरिटी के लिए मैनपावर उपलब्ध कराता है। सुमित आहूजा ने खुद को डीएसपी बताते हुए कहा कि उसकी इंवेस्टिगेशन ब्यूरो पंचकूला में तैनाती है। उसकी पत्नी तनवीर संधू हाईकोर्ट में अधिकारी है।
पांच जनवरी 2025 को उसका सेविंग अकाउंट सीज हो गया था। 14 जनवरी 2025 को सुमित आहूजा ने उसके पास फोन कर कहा पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी में चार हजार व्यक्तियों का टेंडर आया है। यूनिवर्सिटी का डायरेक्टर उसके परिवार का आदमी है। उसको सिक्योरिटी का टेंडर दिलवाने की बात कह दस्तावेजों की लिस्ट भेज दी। इस तरह झांसे में लेकर उसने ठगी कर ली।