हमारी संस्कृति का गहना हैं भारतीय भाषाएं, एक दिन अपनी भाषा में होगा देश का सारा कामकाज-शाह

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गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय भाषाओं की तारीफ करते हुए कहा कि ‘देश में एक ऐसा समाज बनेगा जहां अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को शर्म आएगी। गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति का गहना हैं। एक दिन हम अपनी भाषाओं में देश को चलाएंगे, अपनी भाषा में सोचेंगे, शोध करेंगे और निर्णय लेंगे। इस पर किसी को संदेह नहीं करना चाहिए।’

दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘मेरी बात ध्यान से सुनिए। देश में एक ऐसा समाज बनेगा जहां अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी। हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति का गहना हैं। बिना अपनी भाषा के हम भारतीय नहीं कहलाएंगे। आप विदेशी भाषा में अपने देश के इतिहास, संस्कृति और धर्म को नहीं समझ सकते। अधूरी विदेशी भाषाओं से संपूर्ण भारत को नहीं देखा और समझा जा सकता। यह लड़ाई कितनी बड़ी है, यह मुझे अच्छी तरह पता है।’

शाह ने कहा, ‘यह लड़ाई भारतीय समाज जीतेगा और अपनी भाषाओं पर गर्व महसूस करेगा, इसका मुझे पूरा भरोसा है। हम अपना देश अपनी भाषा से चलाएंगे। विचार, शोध और निर्णय अपनी भाषा में होंगे। किसी को इसमें संदेह करने की जरूरत नहीं है। हमारी भाषाएं 20247 में हमें दुनिया के शीर्ष स्थान पर रख देंगी।’

दिल्ली में आईएएस आशुतोष अग्निहोत्री की पुस्तक ‘मैं बूंद स्वयं, खुद सागर हूं’ के विमोचन मौके पर शाह ने कहा कि बदलाव जब एक बड़ा आंदोलन बन जाता है तो क्रांति होती है। इस बदलाव को हम अपने देश में देख सकते हैं। साल 1975 में अटल बिहारी वाजपेयी ने एक कविता लिखी थी। उन्होंने लिखा था-‘उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर करें बलिदान करें। जो पाया उसमें खो न जाएं, जो खोया उसका ध्यान करें।’

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