धार्मिक स्थलों को तोड़ने पहुंची टीमों का लोगों ने किया कड़ा विरोध, कार्रवाई रोकी

चंडीगढ़ में बुधवार को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मौली जागरां व मनीमाजरा में धार्मिक स्थलों को तोड़ने की कार्रवाई की गई। यहीं नहीं, इसके बाद शहर में अन्य धार्मिक स्थलों पर भी प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जानी थी लेकिन लोगों के विरोध के चलते बुधवार को कार्रवाई को रोक दिया गया। मौलीजागरां क्षेत्र में नगर निगम द्वारा धार्मिक को तोड़े जाने की कार्रवाई का कांग्रेस ने विरोध है। कांग्रेस प्रदेश सचिव लेखपाल एवं वार्ड 7 ब्लॉक अध्यक्ष विनय मिश्रा ने स्थानीय नागरिकों के साथ मौके पर पहुंचकर नगर निगम की कार्रवाई का विरोध किया और इसे तानाशाही रवैया करार दिया। वहीं, भाजपा के नेताओं ने भी मौके पर पहुंच कर इसका विरोध किया और कार्रवाई को रुकवाया।
मनीमाजरा के बाद प्रशासन की टीम चंडीगढ़ सेक्टर-46 मंदिर को तोड़ने के लिए पहुंची। लेकिन वहां पर काफी मात्रा में लोग इक्ट्ठा हो रखे थे। एरिया पार्षद गुरप्रीत सिंह गापी भी मौके पर पहुंचे। सेक्टर-46 में काफी मात्रा में लोगों ने इकट्ठा होकर प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में रोष देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल की भी तैनाती कर दी गई थी। इस दौरान महिलाएं सड़क पर भजन-कीर्तन भी करती रहीं। पार्षद गुरप्रीत गापी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि साल 2009 के बाद बने सभी अवैध तरीके से बने धार्मिक स्थलों को गिरा दिया जाए। उसके बाद ही यह कार्रवाई हो रही है, लेकिन यह मंदिर तो काफी पुराना है और साल 1992 में बना था। यहां पर सिर्फ फाइबर लगी हुई है। वह प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हैं और कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह सब करवाते हैं और पर्दे के पीछे खड़े होकर पूरी पिक्चर देखते रहते हैं।