परिवहन विभाग ने डीटीसी बसों पर विज्ञापन की पड़ताल के लिए समिति गठित करने का फैसला किया

परिवहन विभाग ने डीटीसी की पूरी बस पर विज्ञापन प्रदर्शित करने के प्रस्ताव की पड़ताल के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पिछले महीने राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक हुई थी, जिसमें दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने राजस्व बढ़ाने के लिए विज्ञापन नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। इस मामले पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा की गई और इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया। डीटीसी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, फिलहाल बसों पर कोई विज्ञापन नहीं लगा है, जबकि ये (विज्ञापन लगाना) परिवहन निगम के लिए राजस्व का स्रोत हो सकता है।
हालांकि, दिल्ली यातायात पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है। एसटीए बोर्ड ने फैसला किया है कि इस मामले में डीटीसी और दिल्ली यातायात पुलिस दोनों के विचारों की व्यापक पड़ताल की जरूरत है इसलिए, एसटीए के अध्यक्ष की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समिति बनाई जाएगी जिसमें डीआईएमटीएस, डीटीसी और यातायात पुलिस से एक-एक विशेषज्ञ शामिल होंगे। समिति को 14 अप्रैल तक मामले पर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। बैठक के विवरण के अनुसार, यह स्पष्ट हो गया है कि यात्री वाहनों, विशेषकर डीटीसी बसों पर विज्ञापन प्रदर्शित करने के मामले में दो दृष्टिकोण हैं। इसलिए, यह प्रस्ताव है कि एसटीए बोर्ड दोनों बिंदुओं पर विचार कर सकता है। राजस्व सृजन में समस्याओं का सामना कर रही डीटीसी ने 2016 में प्रस्ताव दिया था कि लो फ्लोर बसों में खिड़की के शीशों और पीछे के शीशे को छोड़कर, वाहन के पीछे, बाईं ओर और दाईं ओर विज्ञापन प्रदर्शित किए जा सकते हैं।