कूलर बनाने वाली कंपनी में लगी भीषण आग, दमकल की 10 से ज्यादा गाड़ियां मौके पर

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धारूहेड़ा औद्योगिक कस्बा स्थित कूलर बनाने वाली एमपीपीएल कंपनी परिसर में मंगलवार सुबह-सुबह भयंकर आग लगी हुई है। आग बुझाने के लिए रेवाड़ी, बवाल, धारूहेड़ा व भिवाड़ी से 10 से ज्यादा गाड़ियां आग बुझाने में लगी हुई है।
आग से चारों ओर धुआं ही धुआं हो गया है। बता दें कि धारूहेड़ा में एमपीपीएल कंपनी कूलर बनाने, मशीनों के स्पेयर पार्ट्स बनाने का कार्य करती है। सुबह-सुबह कंपनी परिसर में भयंकर आग लग गई।
आग लगने की सूचना से रेवाड़ी बावल धारूहेड़ा व भिवाड़ी से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और आग बुझाने में लगी हुई है। आग कैसे लगी इसके कारण का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन भयंकर आग से धारूहेड़ा में धुआं फैल रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, बावल के ओद्योगिक क्षेत्र स्थित एक गत्ता फैक्ट्री में धुलेंडी की रात अचानक आग लग गई। फैक्ट्री से आग की लपटें उठती देख दमकल विभाग को सूचना दी गई। सूचना के बाद दमकल विभाग की दो गाड़ियों मौके पर पहुंची और दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। 

दमकल विभाग के मुताबकि, शुक्रवार की रात उन्हें सूचना मिली थी कि सेक्टर-तीन स्थित औद्योगिक क्षेत्र की एक गत्ता फैक्ट्री में आग लगी हुई है। इसके बाद तुरंत मौके पर दमकल की गाड़ी भेजी गई। आग ज्यादा तेजी से फैल रही थी। इसलिए एक ओर गाड़ी को मौके पर रवाना किया गया।

काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। फैक्ट्री मालिक के मुताबिक, आग की वजह से कितने का नुकसान हुआ अभी सही से यह नहीं पता चला है।
रेवाड़ी में सरसों की कटाई शुरू हो चुकी है और गेहूं की फसल पकने को तैयार है। रबी फसल के मौसम में खेत-खेलिहानों में अक्सर आगजनी से काफी तबाही होती रही है। पिछले वर्ष 24 से अधिक फसलों में आग लगने की घटनाएं हुई थी। 

बिजली की तार या फिर अन्य किसी चिंगारी से खेत में खड़ी फसलें, खलिहान, छप्पर, कच्चे-पक्के मकान व अनाज आदि जलकर राख हो जाता है। खलिहानों या अन्य स्थानों पर लगने वाली आग की घटनाओं से निबटने के लिए प्रशासन की तैयारियां ना काफी दिखाई दे रही है। हालांकि दमकल विभाग सभी तैयारियां पूरी होने का दावा कर रहा है। 

बता दें कि अग्निशमन विभाग के पास संसाधनों की कमी है। 17 फायर ब्रिगेड और तीन बाइक के भरोसे ही जिले के 412 गांव हैं। इनमें रेवाड़ी में सात गाड़ी व एक बाइक, बावल में पांच गाड़ी व एक बाइक, धारूहेड़ा में तीन गाड़ी व एक बाइक और कोसली में मात्र दो गाडियां है। जबकि बावल व धारूहेड़ा दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र भी है। 

जिले में 78 हजार हेक्टेयर में सरसों, 37 हजार हेक्टेयर में गेहूं, दो सौ हेक्टेयर में जौ व छह सौ एकड़ में दलहन की पकी फसल लहलहा रही है। अगर आगजनी जैसी घटना हो गई तो विभाग के पास बचाव के संसाधन नाकाफी हैं। ऐसे में किसानों की फसल पर बेमौसमी वर्षा और अंधड़ से कुदरत की मार तो है। साथ ही प्रशासन की कमजोर तैयारियों को भी मजबूरी में झेलने को तैयार रहना होगा।

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