जनता संसद, पहलवानों को समर्थन, एमएसपी समेत 25 मांगों को लेकर 14 जून को हरियाणा बंद का आह्वान

हरियाणा
किसानों और खापों की जनता संसद : पहलवानों को समर्थन, एमएसपी समेत 25 मांगों को लेकर 14 जून को हरियाणा बंद का आह्वान किया गया है.
हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान और खापों के संगठन द्वारा केएमपी के मंडोठी टोल प्लाजा के पास जनता सभा की गई. इसमें राज्य और केंद्र सरकार के सामने 25 मांगें रखी गईं और इन मांगों को लेकर 14 जून को हरियाणा बंद का आह्वान किया गया.
जनता सभा में पहलवानों का समर्थन, बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी, मंत्री संदीप सिंह के इस्तीफे के बिना समझौता नहीं साथ ही भूमि अधिग्रहण के बदले कलेक्टर रेट से चार गुना मुआवजा, एमएसपी, कर्जमाफी, एसवाईएल, अंतर्जातीय विवाह पर रोक आदि के 25 प्रस्ताव पारित किए गए.
केएमपी सहित किसान धरने स्थल पर हुई जनता सभा की अध्यक्षता सर्वसम्मति से नियुक्त अध्यक्ष मंडल ने की। इसमें दिल्ली से दलाल खाप 84 मुखिया भूप सिंह दलाल, पालम 360 मुखिया सुरिंदर सिंह सोलंकी, राजस्थान से दलीप सिंह, पंजाब से सरदार बलबीर सिंह और गुजरात से नारायण भाई चौधरी शामिल थे.
संगठन के नेता रमेश दलाल ने कहा कि 25 सूत्री मांग पत्र सरकार के समक्ष रखा गया है, जिसे तीन भागों में बांटा जा सकता है. जनता सभा में किसानों ने इन 25 मांगों को लेकर 14 जून को हरियाणा बंद का आह्वान किया है.
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा, यमुना नदी का प्रदूषित पानी और एसवाईएल का मुद्दा भी शामिल है। यमुना नदी का प्रदूषित पानी फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिलों में सप्लाई किया जाता है, जिससे इस क्षेत्र में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद आज तक हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को एसवाईएल से अपने हिस्से का पानी नहीं मिला है. इस संदर्भ में रमेश दलाल ने पंजाब को अपना बड़ा भाई मानते हुए किसानों और किसानों से अपील की है कि पंजाब हरियाणा के हिस्से का पानी छोटे भाई को दे। अगर पंजाब को पानी का अधिकार नहीं देना चाहिए तो केंद्र सरकार एसवाईएल के निर्माण की बागडोर सेना को सौंप दे।
उन्होंने कहा कि देश का किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इसलिए केंद्र सरकार को देश के किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए और मानसून संसद सत्र में एमएसपी गारंटी कानून पास करना चाहिए। बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर हरियाणा सरकार से गुरनाम सिंह चढूनी व अन्य किसान नेताओं को तत्काल रिहा करने और सूरजमुखी की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की मांग की गई.
पलवल 52 पाल (खाप) प्रधान अरुण जैलदार, अहलावत खाप पूर्व सरपंच मंगराम, कादियां खाप प्रतिनिधि सुखचंद कादियान, दहिया खाप प्रमुख सुरिंदर सिंह दहिया, देशवाल खाप प्रमुख संजय देशवाल, चिकारा खाप प्रतिनिधि आचार्य और मलिक खाप प्रतिनिधि अशोक मलिक भी शामिल थे. .