सहकारी बैंकों का ब्याज वसूली का फैसला किसानों पर बड़ा वार : रणसिंह मान

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सहकारी बैंकों का ब्याज वसूली का फैसला किसानों पर बड़ा वार : रणसिंह मान

सरकार पर मुआवजे को लेकर शर्तें थोपने का आरोप

चरखी दादरी, 3 जून, प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने सहकारी बैंकों द्वारा किसानों से ब्याज वसूली के ताजा फैसले को लेकर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे सरकार का किसान विरोधी कदम करार दिया है। आज उपमंडल के गांव दातौली में ग्रामीणों से बातचीत करते हुए मान ने कहा कि 2014 में जब प्रदेश की कमान भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के हाथ में थी। उस समय कांग्रेस पार्टी ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए सहकारी बैंकों के ब्याज को जीरो कर दिया था जिसमें केंद्र की छूट भी शामिल थी।

 

 

मान ने कहा कि अब हरियाणा स्टेट कोआपरेटिव अपैक्स बैंक के ताजा सर्कुलर के मुताबिक ग्रामीण सहकारी समितियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे लोन पर 1 मार्च 2023 से 7 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलना शुरू करें। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस फैसले का कड़ा विरोध करेगी।

 

 

उन्होंने कहा कि जून का महीना हरियाणा के किसानों के लिए आफत बनकर आया है। मई महीने में गठबंधन नेताओं ने असामयिक बारिश और ओलों से हुए नुकसान को लेकर किसानों की भलाई बाबत बड़ी बड़ी बातें की। लेकिन अब सब कुछ किसान की उम्मीद के विपरीत हो रहा है। सरसों की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा पांच एकड़ तक सीमित कर दिया गया है। यदि किसी किसान ने इससे अधिक रकबे में सरसों की खेती की है और सारी फसल नष्ट हो गई है तो भी उसे मुआवजा केवल पांच एकड़ का ही मिलेगा।

 

उन्होंने बताया कि अगर किसी ने ओलों से प्रभावित क्षेत्र से अलग किसी अन्य गांव में बटाई, ठेके पर या अपनी खरीदी हुई जमीन पर सरसों की खेती की है और मंडी में एमएसपी पर बेची है तो उसका ये रकबा पांच एकड़ में से घटा दिया जाएगा। यही हाल बीमा कंपनियों का है जिस पर सरकार का किसी तरह का अंकुश नहीं है।इस अवसर पर रोहतास, सतबीर, वेदपाल, सुरेंद्र सिंह, जोगिंद्र, छाजुराम, सुंदर, कपूर सिंह, वजीर समेत अनेक ग्रामीण मौजूद थे।

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