इस योगासन के जरिए रीढ़ की हड्डी होगी मजबूत, रोजाना करें ट्राई

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योग (Yoga)का हमारे जीवन में काफी महत्व है. कहते हैं कि जिसने योग को अपना लिया वो हमेशा निरोग रहता है. वैसे तो सभी योगासन हमारी सेहत के लिए लाभदायक होते हैं, लेकिन किसी विशेष समस्या या बीमारी से निजात पाने के लिए हर योगासन की अपनी एक अहमियत होती है. आज हम आपको समकोणासन के फायदों के बारे में बताने जा रहा

क्या है समकोणासन?

समकोणासन (Samakonasana) दो शब्दों से मिलकर बना है समकोण और आसन, जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस आसन में शरीर 90 डिग्री का कोण बनाता है. इस आसन को इंग्लिश में स्ट्रेट एंगल पोज (Straight Angle Pose) कहते हैं. समकोणासन को करने से न सिर्फ शरीर में लचीलापन आता है बल्कि कमर का दर्द भी दूर हो जाता है.

समकोणासन करने की विधि

सबसे पहले योगा मैट पर सीधा खड़े हो जाएं.
-अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं.
-अब शरीर को कमर से मोड़ते हुए 90 डिग्री तक नीचे की ओर झुकाएं.
-ध्यान रहे कि आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और दोनों हाथ सामने, जबकि नजरें जमीन की ओर हों.
-इस दौरान आपको लंबी गहरी सांस लेते रहना है.
-करीबन 30-40 सेकंड तक इसी पोजीशन में रहना है.
-फिर हाथों को नीचा करके सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं.

समकोणासन करने के फायदे

-इस योग आसन को करने से शरीर में लचीलापन आने के साथ ही रीढ़ की हड्डी में भी सुधार होता है.
-इस आसन को करने से कमर के निचले हिस्से में मजबूती मिलती है और गर्दन का दर्द भी दूर होता है.
-ये आसन पैरों के साथ-साथ पूरे शरीर की मांसपेशियों के तनाव को दूर करने के लिए बेहतरीन उपाय है.
-शारीरिक तनाव को दूर करने तथा शारीरिक संतुलन बनाने के लिए ये आसन काफी अच्छा माना गया है.

समकोणासन के दौरान जरूर बरतने ये सावधानियां

-किसी व्‍यक्‍ति के पैर में कोई दिक्‍कत है तो उसे भी यह आसन नहीं करना चाहिए.
-गर्भवती महिलाओं के लिए भी समकोणासन सहीं नहीं है.
-एक बार में पांच से दस बार समकोणासन कर सकते हैं.
-आपको घुटनों में किसी प्रकार का दर्द है, तब इसका अभ्यास करने से बचें.
-गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस आसन को करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

 

source -zt

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