तमिलनाडु समेत तीन राज्यों के कानूनों की मान्यता बरकरार रहेगी, खेल जल्लीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ को मिलेगी मंजूरी.

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दिल्ली, 18 मई

सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु सहित तीन राज्यों में उन कानूनों की वैधता को बरकरार रखा, जिनके तहत सांडों के खेल जल्लीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तीन राज्यों (तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र) के संशोधित कानूनों को मान्य करते हुए ऐसे खेलों को राज्य की सांस्कृतिक विरासत माना।

 

जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाया। ‘जल्लीकट्टू’ को ‘एरुथाज़ुवुथल’ के नाम से भी जाना जाता है। तमिलनाडु में, पोंगल के फसल उत्सव के दौरान बैल का खेल खेला जाता है।

पिछले साल दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें सांडों की लड़ाई वाले खेल ‘जल्लीकट्टू’, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति दी गई थी।

 

पिछले साल दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें सांडों की लड़ाई वाले खेल ‘जल्लीकट्टू’, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति दी गई थी।

 

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