पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ नगर निगम ने शुरू की कार्रवाई, पहले दिन 98 को नोटिस, 7 के काटे चालान
नगर निगम ने शहर में शुक्रवार से पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। पहले ही दिन नगर निगम के आदेश का उल्लंघन करने वाले 98 लोगों को नोटिस जारी किए और सात ही 7 चालान काटे गए हैं। जिनका चालान हुआ उन पर 5000 रुपए का जुर्माना किया गया। नगर निगम आयुक्त आनिंदिता मित्रा, के आदेश के बाद नगर निगम के एसडीई और जेई की 18 टीमों ने शुक्रवार को सुबह 5.30 से 8.30 बजे तक पीने योग्य पानी के दुरुपयोग की जाँच शुरू की। पहले ही दिन कई लोग अपने घरों में पीने के पानी का दुरुपयोग करते पाए गए। अधिकांश लोग अपनी कारों और आंगन को धोते हुए पाए गए। टीमों ने दस्तावेजी सबूत के रूप में तस्वीरें भी क्लिक कीं और आदेश के उल्लंघन के वीडियो भी बनाए। वहीं, नगर निगम आयुक्त ने चंडीगढ़ के नागरिकों से पीने के पानी को बचाने और इसकी बर्बादी को रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग अपने लॉन में पानी भरने के लिए टर्शरी वॉटर का विकल्प चुन सकते हैं।
गौरतलब है कि एक अप्रैल से पानी के रेट बढ़ने के साथ-साथ पानी की बर्बादी होने पर जुर्माना की राशि भी बढ़ा दी गई है। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि जुर्माने के बाद भी अगर उल्लंघन जारी रहता है तो पानी का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा। 30 जून तक जुर्माना की कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा। अगर कोई जुर्माने की राशि अदा नहीं करेगा, तो पानी के बिल में यह राशि जुड़कर आ जाएगी। पानी बर्बाद करने वालों की शिकायत कोई भी कर सकता है। कार धोने पर ही नहीं, बल्कि बागवानी की सिंचाई, घर के बरामदे धोने, वाटर मीटर और कूलर से लीकेज व टंकियां ओवरफ्लो होने पर भी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार अगर किसी के घर के आगे पानी की लीकेज हो रही है या फिर मीटर में से पानी बह रहा है या फिर कूलर में से पानी बहेगा तो भी चालान कटेगा। अधिकारियों के अनुसार बूस्टर पंप और पानी चढ़ाने के लिए मोटर का इस्तेमाल करने वालों पर भी नजर रखी जाएगी। अगर कोई बाल्टी में से कम पानी का प्रयोग करके गाड़ी साफ करता है या फिर सिंचाई करता है तो उस पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। पानी बर्बाद करने वालों की शिकायत देने वाले शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा।