15 फीसदी घटी जल भंडारण क्षमता, केंद्र ने राज्यों को दी चेतावनी
दिल्ली, 23 जून
15 फीसदी घटी जल भंडारण क्षमता, केंद्र ने राज्यों को दी चेतावनी
राष्ट्रीय जल आयोग ने गाद के ढीले प्रबंधन के कारण नदियों और जल निकायों की भंडारण क्षमता में गिरावट पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और राज्यों को बिना किसी देरी के इसमें सुधार करने की चेतावनी दी है। देश के प्रमुख जल स्रोतों की भंडारण क्षमता पहले ही 15 प्रतिशत तक कम हो चुकी है। यदि इस पहलू पर एकीकृत तरीके से ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति हर साल खराब होती जाएगी।
हाल ही में इस मुद्दे पर राज्यों के साथ हुई बैठक में केंद्र ने एक प्रेजेंटेशन के जरिए स्थिति की गंभीरता को सामने रखा. इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को सुझाव दिया कि उन्हें एक निश्चित समय के भीतर मिट्टी प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा करने के लिए मुख्य सचिव (सिंचाई) की अध्यक्षता में एक सलाहकार तकनीकी समिति बनानी चाहिए।
जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नदियों और जलस्रोतों से गाद हटाने में देरी के कारण पानी की भंडारण क्षमता हर साल आधा प्रतिशत कम हो रही है। वर्तमान में यह क्षमता 258 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, लेकिन कीचड़ प्रबंधन की कमी, जल स्रोतों के आसपास अतिक्रमण, बढ़ते शहरीकरण जैसी समस्याओं के कारण क्षमता लगभग 34 बिलियन क्यूबिक मीटर कम हो गई है। अगर अगर इसे नहीं रोका गया तो अगले 20 साल में यह रकम 50 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। यह कितना बड़ा है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 10 वर्षों में अप्रैल-मई में पानी का औसत भंडारण लगभग 55 बीसीएम रहा है।
गाद प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय ढांचे पर अपनी प्रस्तुति में अधिकारियों ने अतिक्रमण और शहरीकरण के साथ-साथ बड़े पैमाने पर खनन, अनियोजित नदी प्रबंधन कार्यों, निर्माण गतिविधियों और पानी की अत्यधिक बर्बादी को जिम्मेदार बताया। मंत्रालय ने राज्यों से जल संसाधनों के रखरखाव के लिए उचित योजना बनाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। सबसे पहले आपको समस्या के मूल कारण की पहचान करनी होगी और फिर अपने लिए सबसे उपयुक्त समाधान चुनना होगा।