मुख्यमंत्री ने बिक्रम मजीठिया को 5 दिसंबर तक अरबी घोड़ों के बारे में जानकारी देने की चुनौती दी
अगर मजीठिया नहीं बताएंगे तो नाम सार्वजनिक कर दूंगा
चंडीगढ़, 1 दिसंबर,
अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के पूर्वजों के पंजाब विरोधी और सिख विरोधी चरित्र का खुलासा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को कहा कि बिक्रम मजीठिया के पूर्वजों के लालच और व्यक्तिवाद ने उन्हें प्रभावित किया है। सिक्खों के माथे पर घोड़ा चोर का कलंक लगा दिया गया है, जिसके कारण वे क्षमा के भी पात्र नहीं हैं।
यहां नगर भवन में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1957 में जब भारत में चुनाव हुआ था, उस अवसर पर जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने थे. उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अरब देशों के दौरे पर गया. इस प्रतिनिधिमंडल में बिक्रम सिंह मजीठिया के पूर्वजों में तत्कालीन उप रक्षा मंत्री सुरजीत सिंह मजीठिया भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि एक अरब देश के राजा ने भारतीय सेना को स्मृति चिन्ह के रूप में शानदार अरबी घोड़े उपहार में दिये थे। इन घोड़ों को ट्रेनिंग के लिए सेना के मेरठ स्थित ट्रेनिंग सेंटर में भेजा जाना था, जहां सेना में जानवरों को खास ट्रेनिंग दी जाती है. दो महीने के बाद अरब राजा ने घोड़ों का हाल पूछा तो पता चला कि घोड़े मेरठ नहीं पहुँचे हैं। इसके बाद राजा ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से अपनी नाराजगी जाहिर की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण श्री नेहरू ने तुरंत सुरजीत सिंह मजीठिया से इस्तीफा ले लिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ”इस घटना ने सिखों के असली चरित्र पर सवाल खड़े कर दिये हैं. यह बहुत दुखद है कि आज भी जब कोई पगड़ीधारी सिख मेरठ के प्रशिक्षण केंद्र में जाता है, तो उसे घोड़ा चोर के रूप में देखा जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ब्रिटिश सरकार की नाक में दम करने वाले मजीठिया राजवंश को अंग्रेजों ने सर की उपाधि से नवाजा था और यह उपाधि अंग्रेजों ने अपने उत्तराधिकारियों को दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग हत्याकांड के अगले दिन मजीठिया परिवार ने हत्याकांड के आरोपी जनरल डायर को खाना परोसा, जो उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है. इतना ही नहीं, जनरल डायर को सिरोपाओ और माफी भी दी गयी। उन्होंने कहा कि यह और भी आश्चर्य की बात है कि सिरोपाओ देने वाले जत्थेदार अरूर सिंह लोकसभा सदस्य सिमरजीत सिंह मान के नाना थे। भगवंत सिंह मान ने कहा, ”इतिहास को कभी मिटाया नहीं जा सकता, मजीठिया के पूर्वजों के चरित्र इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं.” मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि इस पार्टी का जहाज अब डूब चुका है और स्थिति यह है कि सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया तथा हरसिमरत बादल की भी आपस में नहीं बनती
है.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पंजाब में सरकारी नौकरियां देने का सिलसिला जारी रखते हुए अब तक 37934 युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरियां प्रदान की हैं. विभिन्न विभागों के 251 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपने के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी 37934 नियुक्तियां पूरी तरह योग्यता के आधार पर की गयी हैं. उन्होंने कहा कि ये नियुक्तियां पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर की गई हैं और इन युवाओं ने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के बाद ये नौकरियां हासिल की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारी सरकार का पहले दिन से एकमात्र एजेंडा युवाओं को रोजगार देना और उन्हें अधिक अधिकार देना है। लड़कियों को नौकरी के अधिक अवसर मिलने पर खुशी साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को लड़कियों के प्रति अपनी धारणा बदलनी चाहिए क्योंकि लड़कियां हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
पंजाब की महान और उपजाऊ भूमि को छोड़कर लोगों के विदेश जाने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह प्रवृत्ति बदल रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि पंजाब में रिवर्स माइग्रेशन (वतन वापसी) का चलन शुरू हो गया है और कई युवा विदेश जाकर पंजाब में सरकारी नौकरियां हासिल कर चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वास्तव में हमारे युवाओं को पंजाब की पवित्र भूमि से बहुत प्यार है लेकिन पिछले दिनों खराब व्यवस्था से तंग आकर उन्हें विदेश जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब युवाओं को अपनी पसंदीदा नौकरी करने के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। मुख्यमंत्री ने पंजाब के खजाने को खाली बताकर उसका अपमान करने वाले नेताओं पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में खजाना कभी खाली नहीं होता, लेकिन नेताओं की मंशा गलत है। ये नेता दोनों हाथों से चाचा-भतीजे, जीजा-साले से जनता का पैसा लूटते थे। भगवंत सिंह मान ने मुख्यमंत्री पद को लोकप्रिय जनसेवा बताते हुए कहा कि यह कुर्सी आराम करने के लिए नहीं है, बल्कि 24 घंटे जनसेवा के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पंजाब की जमीनी हकीकत से भलीभांति परिचित हैं, जिसके चलते वह पंजाब के हित में तुरंत फैसले लेते हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी कि वे जमीनी स्थिति को समझे बिना चंडीगढ़ में बैठकर निर्णय न लें क्योंकि हर इलाके की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं।