फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के नए आदेश से देश के 4000 फार्मेसी कालेजों में हडकंप
रागा न्यूज , फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली द्वारा प्रोफेशनल रेग्युलेटरी चार्ज 4 से 5 गुना बढ़ाने और प्रति कॉलेज 1 से 5 करोड़ सिक्योरिटी डिपाजिट मागने से देश के लगभग 4000 फार्मेसी कालेजों में हडकंप मच गया
क्योंकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया; डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, भारत; ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई); इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी); नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) आदि द्वारा इतनी सिक्योरिटी डिपाजिट की मांग नहीं की गई।कटारिया ने आगे कहा कि ये सभी कॉलेज पहले एआईसीटीई, नई दिल्ली को 15 लाख रुपये जमा करके स्थापित किए गए थे और वह राशि भी एआईसीटीई द्वारा 10 साल पूरे होने पर वापस कर दी जाती है|
लेकिन पीसीआई के नए नियमों के मुताबिक न सिर्फ नए बल्कि मौजूदा कॉलेजों को भी 1 से 5 करोड़ रुपए जमा करने होंगे। इससे पूरा बोझ छात्रों पर पड़ेगा और फार्मा शिक्षा छात्रों की पहुंच से बाहर हो जाएगी।श्री जयपाल रेड्डी, अध्यक्ष, तेलंगाना फार्मेसी एसोसिएशन ने कहा कि पीसीआई ने बी.फार्मा की फीस 1.00 लाख से 4.00 लाख और डी.फार्मा की 0.5 लाख से 2.00 लाख तक संशोधित की है। अब कॉलेजों को लगभग 25 से 26 लाख रुपये का भुगतान करना होगा जोकि पहले केवल 3.5 लाख थे।एफएसएफटीआई के महासचिव के.वी.के राव ने कहा कि एफएसएफटीआई के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने डॉ. अंशु कटारिया के नेतृत्व में श्री मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री, भारत सरकार के साथ बैठक की थी