
श्री खाटूश्याम युवा मित्र मण्डल ट्रस्ट जीरकपुर के तत्वाधान में ग्रेस बैंक्वेट कालका रोड जीरकपुर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा, श्री महालक्ष्मी पंच कुण्डीय महायज्ञ तथा श्री श्याम संकीर्तन महोत्सव के चौथे दिन वृन्दावन धाम से अपनी टीम के साथ आये मशहूर कथावाचक धर्मरतन स्वामी बलरामाचार्य महाराज ने समुद्र मंथन, वामन अवतार, श्री राम जन्म महोत्सव तथा श्री कृष्ण जन्म महोत्सव का श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से वृतांत सुनाते हुये उपस्थित श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर दिया.
आज श्रीमद् भागवत कथा स्थल का दृश्य देखने लायक था. कथा में आज श्री कृष्ण जन्म महोत्सव दिवस होने के कारण सभी आयोजकों ने सिर पर लाल पगड़ी तथा शरीर पर पीले वस्त्र धारण किये हुये थे. कथावाचक ने कथा ज्ञान की घूँटी पिलाते हुये श्रोताओं को सन्देश दिया कि घर के सदस्यों को प्रतिदिन तिलक लगाना चाहिए. तिलक कभी कभी तलवार का काम करता है. उन्होंने तेरी मंद मंद मुस्कनिया पर बलिहार सांवरे धार्मिक गीत पर उपस्थित जनसमूह को जोर जोर से ताली बजाने तथा झूम झूम कर थिरकने को मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि बादाम खाने से इतनी अकल नहीं आती, जितनी धोखा खाने से आती है, इसलिये कभी कभी जिंदगी में धोखा भी मिलना चाहिए. श्रोताओं ने भी बांके बिहारी लाल की जय के उद्धघोष से माहौल को संगीतमय बना दिया. आज कृष्ण जन्म महोत्सव के अवसर पर निकाली गयी सजी धजी सुन्दर झाँकियां देखकर दर्शक भाव विहोर हो गये. इससे पूर्व सुबह के सत्र में प्रमुख व्यवसायी सोनू गुप्ता ने परिवार सहित विशेष रूप से गाय के गोबर से मिट्टी का लेप करके बनाई गयी श्री पंच कुण्डीय महालक्ष्मी यज्ञशाला में पूजा अर्चना करते हुये 33 करोड़ देवी देवताओं का ध्यान करके शांति की प्रार्थना कर आज मुख्य यजमान की भूमिका निभाई. आज पूर्व विधायक एन. के शर्मा ने श्रीमद् भागवत कथा में पहुंचकर न केवल आयोजकों को बधाई दी, बल्कि कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से देश की एकता और अखंडता को मजबूती मिलती है. कार्यक्रम में प्रमुख उद्योगपति मधुसूदन बालासराय विशेष अतिथि रहे. मंच संचालन संदीप चुघ ने किया. कथा आरती उपरांत श्री श्याम रसोई के माध्यम से भक्तों को भोजन प्रसाद का वितरण किया गया और अंत में श्री खाटूश्याम संकीर्तन के साथ आज के समारोह का समापन हुआ. आज समारोह को सफल बनाने में सुनील बंसल, राकेश गोयल, नीतिन बेदी, जिम्मी सैनी, अमन बंसल, मोहित गोयल, विशाल गोयल, जगदीश गोयल, पवन गुप्ता, संदीप चुघ, राजविंदर जोरा, संदीप गर्ग, विनोद झाम्ब तथा सतीश भारद्वाज का विशेष सहयोग रहा.