चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिले एस जयशंकर, मानसरोवर यात्रा पर हुई बात; क्या है मुलाकात के मायने?
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नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने नवंबर में अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा की। उन्होंने कि दोनों मंत्रियों ने इस दौरान विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर भी बात की।
जानकारी दें कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसी साल 26-27 जनवरी को भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उप विदेश मंत्री तंत्र की बैठक के लिए बीजिंग का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान में हुई बैठक में सहमति बनी थी, दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और संबंधों को स्थिर करने तथा पुनर्निर्माण के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की
- विदेश मंत्रालय ने बताया था कि दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया। संबंधित तंत्र मौजूदा समझौतों के अनुसार ऐसा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेगा।
- बता दें कि भारत उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे और सिक्किम में नाथू ला दर्रे के माध्यम से जून और सितंबर के बीच हर साल केएमवाई का आयोजन करता है।
- 2020 में महामारी और गलवान संघर्ष के कारण उड़ानें निलंबित होने से पहले दोनों देशों के बीच प्रति माह 539 सीधी उड़ानें थीं। इस दौरान कुल सीट क्षमता 1.25 लाख से अधिक थी।
इस साल जनवरी में बीजिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बैठक के बाद एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। जिसके तहत दोनों देशों के बीच सीधी हवाई यात्राओं की शुरुआत होगी और कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू करने पर बात बनी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के संबंधित तकनीकी अधिकारी जल्द ही इस उद्देश्य के लिए एक अद्यतन रूपरेखा पर बैठक और बातचीत करेंगे।