यमुना में ‘जहर’ पर घमासान: मानहानि का केस करने की तैयारी में CM नायब, केजरीवाल बोले- अब क्या फांसी पर चढ़ाओगे?

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यमुना के पानी में जहर मिलाने के आरोपों पर हरियाणा और दिल्ली की सरकारों में राजनीतिक घमासान चरम पर पहुंच गया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर यमुना नदी में जहर मिलाने के आरोप लगाये थे। इन आरोपों से आक्रोशित भाजपा विधायक और मंत्रियों की अगुवाई में मंगलवार को पूरे प्रदेश में धरने-प्रदर्शन के साथ केजरीवाल के पुतले फूंके गए।

दिल्ली में हरियाणा के भाजपा सांसदों ने जहां संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोला, वहीं पंचकूला में भाजपा सरकार के मंत्रियों व विधायकों ने धरना-प्रदर्शन करते हुए आप के विरुद्ध नारे लगाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दिल्ली में मोर्चा संभाला।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात कर आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए नायब सैनी ने रिपोर्ट के साथ हकीकत सामने रखी।

नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल को चुनौती दी कि वह अपने बयान के लिए हरियाणा और दिल्ली के लोगों से तुरंत माफी मांगें, नहीं तो हम उनके खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। हरियाणा के लोग यमुना की पूजा करते हैं। वे भला नदी के पानी में जहर क्यों मिलाएंगे।

सैनी के बयान पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने कहा कि सैनी साहब पानी के ऊपर राजनीति न करो, पाप चढ़ेगा। केस करना है तो करो। वैसे भी कोई कसर छोड़ी है क्या? अब क्या फांसी पर चढ़ाओगे?

उधर, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर हरियाणा की ओर से आ रहे पानी को दिल्ली में रोकने की मांग की है। आरोप लगाया कि हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाली यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर सामान्य से छह गुना अधिक है। यह स्तर मानव शरीर के लिए बहुत जहरीला है। दिल्ली के लोगों की जान जोखिम में पड़ जाएगी।

जवाब में हरियाणा सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त को रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि हरियाणा दिल्ली को पानी यमुना नदी के माध्यम से नहीं बल्कि करियर लिंक चैनल (सीएलसी) और दिल्ली ब्रांच के माध्यम से दिया जाता है। झज्जर और गुरुग्राम को भी इसी चैनल के माध्यम से पानी दिया जाता है।
दिल्ली को 1049 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है, मगर वजीराबाद के पास बने पोंड में टैंकर का गंदा पानी डालने से अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। वर्ष 2021 में प्रदूषण विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस पर सुधार करें, मगर दिल्ली सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
दिल्ली ने अमोनिया को साफ करने के लिए प्लांट की क्षमता भी नहीं बढ़ाई है। दिल्ली सिर्फ एक पीपीएम (प्रति मिलियन भाग) अमोनिया को ट्रीट कर सकता है, जबकि उत्तर प्रदेश 24 पीपीएम तक अमोनिया का प्रबंधन करता है।
अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी में जहर घोलने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इसे जल उपचार संयंत्रों द्वारा भी साफ नहीं किया जा सकता है। यह तो अच्छा हुआ कि जल बोर्ड ने इस पानी को दिल्ली में आने से रोक दिया।
हालांकि, इससे दिल्ली के एक तिहाई हिस्से में पानी की कमी हो गई है। दिल्ली में अफरातफरी मचाने के लिए ऐसा किया गया है, ताकि दिल्ली के लोग मरें और इसका दोष आप पर आए। यह नरसंहार की साजिश है।
केजरीवाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सवाल दागा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने किस तरह निष्कर्ष निकाला कि यमुना के पानी में जहर है। केजरीवाल बताएं कि कौन सा जहर डाला गया, कितने टन जहर डाला गया। फिर बार्डर पर पानी को कैसे रोका।

कोई दीवार बनाई और बनाई तो कहां। पानी जहरीला था तो उस जहरीले पानी से कितनी मछलियां मरीं। अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2020 में झूठा वादा किया था कि अगर यमुना को दूषित होने से नहीं बचाया तो कभी वोट नहीं मांगूंगा। चुनावों में संभावित हार को देखकर केजरीवाल ने अपना मानसिक संतुलन खोया है।
दिल्ली जल बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिल्पा शिंदे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केजरीवाल के दावे को गलत बताया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि हरियाणा के कारण यमुना में अमोनिया को लेकर अरविंद केजरीवाल के बयान का कोई आधार नहीं है।

इसमें बताए गए तथ्य गलत और भ्रामक हैं। ऐसे गलत बयानों से ना केवल लोगों में डर पैदा होता है, बल्कि अन्य राज्यों के साथ संबंधों पर भी बुरा प्रभाव होता है। यह मामला उपराज्यपाल के संज्ञान में लाया जाए।

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